छत्तीसगढ़ में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी थाना पुलिस ने नौकरी दिलाने के नाम पर 72 लाख रुपये की ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी संतोष कुमार पटेल (29 वर्ष), जो खुद को फर्जी डीएसपी बताता था, को सीधी (मध्य प्रदेश) से पकड़ा गया है। उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। यह मामला वर्ष 2016 का है जब ए. साई कंपनी सामरी-जलजली-श्रीकोट मार्ग निर्माण कार्य करा रही थी। उस दौरान आरोपी संतोष पटेल जेसीबी ऑपरेटर के रूप में कार्यरत था। इसी दौरान उसकी पहचान ग्राम कंजिया निवासी ललकी बाई से हुई। आरोपी ने ललकी बाई का मोबाइल नंबर लेकर उससे लगातार संपर्क बनाए रखा।
ठग ने महिला को फोनकर बच्चों को पुलिस में नौकरी लगाने का झांसा दिया
कार्य समाप्त होने के बाद संतोष पटेल अपने गृह जिले सीधी चला गया। वर्ष 2018 से उसने फोन पर ललकी बाई को यह झूठा विश्वास दिलाया कि वह अब मध्य प्रदेश पुलिस में डीएसपी के पद पर कार्यरत है। उसने ललकी बाई के दोनों बच्चों को भी पुलिस विभाग में नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
महिला उसके झांसे में आ गई। उसने ठग की बातों में आकर जमीन बेचकर और लोगों से उधार लेकर 72 लाख रुपये आरोपी को कई किस्तों में दे दिए। आरोपी ने नौकरी के नाम पर 72 लाख रुपये की ठगी की
आरोपी ने नौकरी दिलाने के बहाने और कभी अपनी पत्नी-बच्चों की बीमारी का हवाला देकर वर्ष 2018 से 2025 के बीच विभिन्न किस्तों में कुल 72 लाख रुपये की ठगी की। पीड़िता ललकी बाई की शिकायत पर कुसमी थाने में अपराध क्रमांक 92/2025, धारा 318(2), 319(2), 336(3), 340 बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्व दीपक त्रिपाठी और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुसमी ईम्मानुएल लकड़ा के मार्गदर्शन में कुसमी थाना की एक टीम गठित कर मध्य प्रदेश भेजी गई। तकनीकी जानकारी के आधार पर आरोपी संतोष पटेल को सीधी जिले से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। इसके बाद उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। कुसमी पुलिस ने ठगी के इस गंभीर मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की है।