रेलवे प्रशासन अब अमृत भारत योजना के तहत विकसित हो रहे रेलवे स्टेशनों की देखरेख, सहित अन्य व्यवस्थाओं को अब निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है। साथ ही खाली पड़ी जमीनों में डवलपर्स और उद्योगपतियों को 35 साल की लीज पर देकर उनसे भी राजस्व वसूल किया जाएगा।
रेलवे का दावा है कि इससे युवाओं के लिए सुविधायुक्त रोजगार के साधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। सुविधाओं के जरिए छोटे-छोटे रोजगार के रास्ते खुलेंगे, जैसे टिकटिंग, ई-केटरिंग, वाटर वेंडिंग स्टॉल, पार्सल, कार्गो के जरिए युवाओं को जोड़ने की कोशिश की जाएगी। आने वाले समय में रेलवे के साथ हजारों युवा जुड़कर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकेंगे।
प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रवीण पांडेय ने बताया कि, रेलवे प्रशासन ने अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रेलवे स्टेशनों के प्रबंधन और परिसंपत्तियों को लेकर कई महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इसमें रेलवे स्टेशनों की देखरेख और अंदरूनी व्यवस्थाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में सौंपा जाएगा।
राजस्व बढ़ाने के लिए रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीनों को प्रमुख डवलपर्स और उद्योगपतियों को 35 साल की लीज पर देगा। इन जमीनों पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग और यात्रियों के ठहरने के लिए भवन बनाए जाएंगे। लीज की अवधि पूरी होने पर इन्फ्रास्ट्रक्चर रेलवे को सौंप दिया जाएगा। बिलासपुर मंडल के 18 स्टेशनों के लिए यह प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बिलासपुर, रायपुर दुर्ग स्टेशनों में लागू होंगे पायलट प्रोजेक्ट
उन्होंने बताया कि, एकीकृत स्टेशन सुविधा प्रबंधन मॉडल के तहत निजी कंपनियां स्टेशन की सफाई, खानपान और पार्किंग जैसी अन्य सेवाओं का प्रबंधन करेंगी, जबकि रेलवे ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकटिंग जैसे मुख्य कार्यों को नियंत्रित करेगा। इस पायलट परियोजना को शुरुआत में बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशनों पर लागू किया जा रहा है।
युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रवीण पांडेय के अनुसार रेलवे ने चार तरह के सिस्टम विकसित किए हैं, जिनसे 1000 से अधिक युवा जुड़ सकते हैं। इन अवसरों में टिकट बिक्री केंद्र यानी एटीवीएम और हाल्ट एजेंट, ई-कैटरिंग, वाटर वेंडिंग मशीन स्टॉल और पार्सल और कार्गो सेवाएं शामिल हैं।
पिक-ड्रॉप और कैब सेवाओं के लिए “हाल्टिंग बे” सुविधा
बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग पर स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में भीड़भाड़ कम करने पहल की जा रही है। स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में प्रवेश करने से पहले रेलवे की खाली जमीन पर हाल्टिंग बे सुविधा स्थापित की जाएगी। निजी, कैब सेवाएं इस बे में सीमित समय के लिए न्यूनतम शुल्क पर रुक सकेंगे। उसके बाद वे यात्रियों को चढ़ाने, उतारने के लिए तय पिक, ड्रॉप एंड गो जोन में चले जाएंगे।