छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में हुए शराब घोटाले की जांच कर रही ACB की टीम ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दबिश दी

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में हुए शराब घोटाले की जांच कर रही ACB की टीम ने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दबिश दी। इस दौरान टीम ने वेलकम डिस्टलरी के संचालक चुन्नू उर्फ राजेंद्र जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने बिलासपुर कोर्ट में पेश कर शराब कारोबारी का ट्रांजिट रिमांड लिया है। उसे झारखंड ले जाकर विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा।

दरसअल, छत्तीसगढ़ की तरह झारखंड में शराब घोटाला सामने आया है, जिसमें ACB की टीम FIR दर्ज कर जांच कर रही है। एफआईआर के मुताबिक दो प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी जमा की गई थी। लेकिन, अधिकारियों ने इसकी ठीक से जांच नहीं की।

इस गड़बड़ी के कारण 38.44 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ। इस मामले में बैंक प्रबंधक ने कह दिया है कि बैंक गारंटी न तो बैंक द्वारा जारी की गई है, न ही इसका लेटरहेड या सिग्नेचर असली है।

वेलकम डिस्टलरी के मालिक के घर दबिश इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कार्रवाई लगातार जारी है। शुक्रवार को झारखंड से आई एसीबी की टीम कोटा क्षेत्र के छेरकाबांधा वेलकम डिस्टलरी के मालिक राजेंद्र उर्फ चुन्नू जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। वो सकरी क्षेत्र के रामा लाइफ स्थित अपने मकान में था।

तभी टीम उसे पकड़कर ले गई। राजेंद्र को कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया। जिसके बाद टीम उसे झारखंड के लिए रवाना हो गई। कहा जा रहा है कि टीम उसे रांची में एसीबी के विशेष कोर्ट में पेश करेगी।

बता दें कि झारखंड में वेलकम डिस्टलरी को शराब सप्लाई का ठेका मिला, जिसके चलते एसीबी ने यह कार्रवाई की है। वेलकम डिस्टलरीज का नाम छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में भी आया है।

झारखंड में कंपनी को मिला था शराब की सप्लाई का ठेका झारखंड में राजेंद्र जायसवाल की कंपनी वेलकम डिस्टलरीज को शराब की आपूर्ति का ठेका मिला हुआ था। कंपनी के डायरेक्टर राजेंद्र जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने गलत तरीके से शराब सिंडिकेट के लोगों के साथ मिलकर शराब की आपूर्ति में गड़बड़ियां की है।

आपूर्ति के दौरान यह भी पाया गया कि जो शराब की आपूर्ति की गई उसमें कई खामियां थी। जिसका साक्ष्य भी एसीबी को जांच में मिले हैं।

वेलकम डिस्टलरी से दो महीने पहले शराब की हुई थी सप्लाई वेलकम डिस्टलरी से दो महीने तक लगातार चीफ रेंज की व्हिस्की की सप्लाई झारखंड की गई थी। इसमें गोवा और उसके समकक्ष रेंज की अंग्रेजी शराब शामिल थी।

बता दें झारखंड एसीबी ने शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया को भी गिरफ्तार किया था। सिद्धार्थ सिंघानिया सुमित फैसिलिटीज मैनपॉवर सप्लाई कंपनी के मालिक हैं।

छत्तीसगढ़ की इन कंपनियों को मिला था काम

झारखंड में 2022 से लागू उत्पाद नीति के दौरान छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियां कार्यरत थीं। इनमें छत्तीसगढ़ की मैनपावर सप्लाई कंपनी सुमित फैसिलिटिज, ईगल हंटर साल्यूसंस, ए-टू-जेड इंफ्रा सर्विसेज और मेसर्स प्राइम वन को झारखंड में भी काम दिया गया।