छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है। रायपुर, बिलासपुर जिले में तौल पूजा के साथ खरीदी का शुभारंभ हुआ। इन सबके बीच कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से टोकन नहीं मिलने पर किसान परेशान नजर आए। ऐसे में सरकार ने कर्मचारियों पर ESMA लगा दिया है।
धान खरीदी केंद्रों में काम नहीं करने पर सरकार कर्मचारियों की गिरफ्तारी करा सकती है। यह आदेश 15 नवंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक प्रभावी रहेगा। छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि धान खरीदी राज्य की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
वहीं पहले दिन सुबह 11 बजे तक करीब 2 लाख 28 हजार किसानों का टोकन कटा। सोसाइटी मॉड्यूल में आज की डेट का टोकन शाम 5 बजे तक जनरेट कर खरीदी की गई। वहीं सरकार ने धान खरीदी के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों के किसी तरह के हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया है।
बता दें कि सरकार 25 लाख से ज्यादा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करेगी। किसानों को 3,100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से पैसा मिलेगा। प्रदेशभर में 25 लाख से अधिक किसान धान बेचेंगे। हालांकि टोकन तुंहर हाथ ऐप काम नहीं कर रहा है, जिससे किसान परेशान भी नजर आ रहे हैं।
सबसे पहले पढ़िए किस जिले में क्या है टोकन की स्थिति ?
रायपुर जिले में कुल 1 लाख 34 हजार 37 किसान पंजीकृत हैं। 1,26,921 हेक्टेयर में धान की खेती हुई है। जिले में 139 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। प्रशासन ने अवैध धान ले जाने से रोकने के लिए 5 चेक पोस्ट भी स्थापित किए हैं, लेकिन किसानों को टोकन नहीं मिला है।
दुर्ग जिले में कुल 1 लाख 12 हजार 446 किसान पंजीकृत हैं। जिले में 87 समितियां और 102 उपार्जन केंद्र हैं। अब तक 61 टोकन जारी किए गए हैं, लेकिन कई किसान अभी भी इस प्रक्रिया को लेकर परेशान हैं। इससे किसानों की परेशान बढ़ गई है।
वहीं बिलासपुर में 1 लाख 12 हजार 252 किसानों का पंजीयन है। 140 उपार्जन केंद्र तैयार किए गए हैं। खाद्य नियंत्रक अमृत कुजूर ने बताया कि शनिवार-रविवार की छुट्टियों के कारण धान खरीदी सोमवार से शुरू होगी। सहकारी समितियों के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कलेक्टर ने अन्य विभागों के कर्मचारियों को काम सौंपा है।
48 हजार से ज्यादा किसान, लेकिन टोकन नहीं मिला
इसके अलावा बस्तर जिले में कुल 48 हजार से ज्यादा किसान पंजीकृत हैं। धान खरीदी के 79 केंद्रों के लिए ऑपरेटरों की व्यवस्था एक निजी एजेंसी कर रही है, जो टेंडर के आधार पर 79 ऑपरेटर नियुक्त कर रही है। किसानों को टोकन नहीं मिलने से कल खरीदी केंद्र में किसान कम दिखेंगे।
वहीं रायगढ़ जिले में 69 समितियों के 105 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। आज यानी 15 नवंबर से 31 जनवरी तक किसानों से नगद और लिंकिंग दोनों तरीके से धान की खरीदी होगी। जिले में अब तक 81 हजार 500 किसानों का पंजीकरण हो चुका है।
इसके साथ ही सरगुजा जिले में 54 केंद्रों पर धान खरीदी होगी। 13 नवंबर को इन केंद्रों में ट्रायल रन किया गया। समितियों के प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर होने की वजह से प्रशासन ने सभी 54 केंद्रों के लिए नए धान खरीदी प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर नियुक्त किए हैं। धान खरीदी लक्ष्य 39 लाख 2 हजार 190 क्विंटल है।