SIR…छत्तीसगढ़ में कट सकते हैं 80 हजार मतदाताओं के नाम

Chhattisgarh Crimesकेंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रदेश में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत गणना पत्रक जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है।

हालांकि, आयोग के शुरुआती आंकलन के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद मिनिमम 80 हजार से ज्यादा मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से कट सकते हैं। क्योंकि इन वोटरों तक फॉर्म ही नहीं पहुंचा है।

यह आंकड़ा भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में अपडेट हुआ है। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने भी इस बात की पुष्टि की है।

दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि वोटर लिस्ट में शामिल ऐसे मतदाता जिन्होंने पता बदल दिया है। जिनकी मौत हो गई है,

इसके अलावा जो लोग अपने पतों पर बीएलओ को नहीं मिल रहे है। उन सबको फॉर्म वितरित नहीं हो पाया है। समय शेष है, प्रक्रिया जारी है।

छत्तीसगढ़ में मतदाता गणना प्रपत्र का 91% डिजिटाइजेशन पूरा

छत्तीसगढ़ में 27 हजार BLO की ड्यूटी निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने लगाई है। इसके साथ ही 38 हजार 846 BLA की ड्यूटी लगी है। इन निर्वाचन कर्मचारियों को 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 मतदाताओं की एसआईआर प्रक्रिया करनी है।

इन निर्वाचन कर्मचारियों ने 2 करोड़ 11 लाख 47 हजार 730 मतदाताओं को फॉर्म वितरित कर दिया है। 30 नवंबर 2025 तक लगभग 1 करोड़ 92 लाख प्रपत्र डिजिटाइज किए जा चुके हैं। यह कुल 2 करोड़ 12 लाख 30 हजार 737 पंजीकृत मतदाताओं का लगभग 91 प्रतिशत हिस्सा है।

SIR का उद्देश्य फर्जी मतदाताओं को हटाना

एसआईआर का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी या मृतक मतदाताओं के नाम हटाना है। इससे भविष्य में चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक मतदाता ही मतदान में हिस्सा लेंगे।

चुनाव आयोग ने जनता से अपील की है कि वे समय रहते फॉर्म जमा करें और किसी भी प्रकार की देरी से बचें। फॉर्म जमा नहीं करने पर नोटिस मिलने के बाद मतदाता को अपना विवरण सही करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

SIR में गलत जानकारी देने पर 1 साल की जेल

छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया जारी है। इसी बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने एक जरूरी निर्देश जारी किए हैं। SIR फॉर्म भरने के दौरान मतदाता गलत जानकारी देता है या दस्तावेज अटैच करता है तो उसे 1 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।