छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जमीन कारोबारियों ने रजिस्ट्री शुल्क बढ़ाने के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जमीन कारोबारियों ने रजिस्ट्री शुल्क बढ़ाने के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गांधी मैदान में ‘जमीन कारोबारी संघर्ष समिति’ के बैनर तले हो रहे इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कारोबारी शामिल हैं।

1 दिसंबर को प्रदर्शन पर बैठे व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और बढ़ी हुई रजिस्ट्री शुल्क को वापस लेने की मांग की हैं। कारोबारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे करीब 7 दिनों तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।

उन्होंने रजिस्ट्री काम बंद रखने की भी बात कही है और आगे बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। उनकी मुख्य मांग है कि रजिस्ट्री शुल्क को पुरानी दरों पर बहाल किया जाए।

कारोबारियों ने बताया काला कानून

जमीन कारोबारियों के मुताबिक, नए कानून के तहत गाइडलाइन दरों में ज्यादा वृद्धि की गई है। उन्होंने बताया कि पहले एक लाख रुपए की जमीन पर 10 हजार रुपए रजिस्ट्री शुल्क लगता था, जो अब 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ और बढ़ गया है।

उदाहरण के तौर पर, 200 रुपए प्रति वर्ग फुट की जमीन की दर अब 2 हजार रुपए कर दी गई है, जिससे आम आदमी के लिए जमीन खरीदना मुश्किल हो गया है।

कारोबारियों ने आरोप लगाया कि इस ‘काले कानून’ का असर जमीन व्यवसायियों, घर खरीदने वालों और उद्योग लगाने वालों सभी पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार सबको कर्जदार बनाना चाहती है, जिससे लोगों को जमीन खरीदने के लिए बैंकों से कर्ज लेना पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कानून बंद कमरों में नहीं बनना चाहिए, बल्कि जनभागीदारी और क्षेत्र से जुड़े लोगों की राय-मशविरे से ही उसमें बदलाव होने चाहिए।

कारोबारियों ने बताया तानाशाही निर्णय

जमीन कारोबारियों ने यह भी कहा कि सरकार ने तानाशाही पूर्वक निर्णय लिया है। उसके अन्याय के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो निर्णय लिया गया है, वह सरकार के लिए उचित है, लेकिन कारोबारियों के लिए बिल्कुल गलत है।

उन्होंने कहा कि 400 रुपए के गाइडलाइन को 3500 कर दिया गया है। पूर्ववर्ती सरकार ने सालाना 10% की वृद्धि करते थे। लेकिन वर्तमान सरकार के द्वारा सीधे 400 रुपए की वृद्धि करके गलत निर्णय लिया है।