अधूरे प्रधानमंत्री आवास को पूर्ण बताने के पीछे का राज

Chhattisgarh Crimes

संजय नेताम जिला पंचायत सदस्य गरियाबंद

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Chhattisgarh Crimes

टंकधर वैष्णव
प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ ग्राम रोजगार सहायक संघ

Chhattisgarh Crimes
निष्पक्ष जांच से सिस्टम की खामियां होगी उजागर छोटे कर्मचारियों पर ही क्यों गिरता है गाज
पूरन मेश्राम/मैनपुर।
हर हाल में कच्चे मकानो में रहने वाले लोगों को पक्का मकान दिलाना जिसके लिए केंद्र सरकार कृत संकल्पित है। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा सरकार के द्वारा लाखों करोड़ों झोपड़ी खंडहरनुमा मकान में रहने वालों के लिए पक्का वाला मकान,योजना के तहत नियमतः मिल रहा है। इस नेक कार्य को आने वाला भविष्य भी नहीं भूला पाएगा। बारिश के मौसम में पानी का रिसाव,सीलन,साफ सफाई और रखरखाव की समस्या से जूझते हुए कच्चा मकान से पक्का मकान तक सपना देखने वाले लाखों करोड़ों वंचितों का दुआ, आशीर्वाद देश के प्रधानमंत्री को मिलने लगा है।
केंद्र सरकार को अंधेरों में रख पक्का मकान में गृह प्रवेश
निश्चित समयाविधि में प्रधानमंत्री आवास निर्माण को पूरा करा करके हितग्राहियों को गृह प्रवेश के लिए पूरा सिस्टम टारगेट बेस पर काम कर रहा है। जिसका परिणाम भी सुखद रहा लेकिन पारदर्शिता और जवाब देही के कमी होने से छोटे कर्मचारी अक्सर बड़े अधिकारियों के दबाव में अपने नौकरी और भविष्य की चिंता करते हुए काम करने में मजबूर होते हैं।
हुआ भी वैसा ही

पीएम आवास में गड़बड़ी मैनपुर ब्लॉक में पांँच आवास मित्र और एक रोजगार सहायक बर्खास्त
प्रधानमंत्री आवास निर्माण को लेकर छोटे कर्मचारियों से लेकर पूरा विभागीय तंत्र जवाब देह और जिम्मेदार है। लेकिन ऐसा न होकर छोटे कर्मचारियों के ऊपर ही गाज गिरता है बड़े अधिकारी बच निकलते हैं।
शुरू से ही कार्य योजना में पारदर्शिता एवं जवाब देही तय होना नितांत आवश्यक है। इस संबंध में क्या कहते हैं संगठन के पदाधिकारी एवं जनप्रतिनिधि,,
टंकधर वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष ग्राम रोजगार सहायक संघ,,, हमारे ग्राम रोजगार सहायक अपने कार्यों के साथ ही प्रधानमंत्री आवास निर्माण को पूरा कराने में भरपूर सहयोग करता है।सुदूर वनांचल के गांँवो पर किस हाल में रोजगार सहायक को कार्य करना पड़ता है। उसको भली भांति ग्रामीण और जनप्रतिनिधि समझते हैं। संबंधित प्रधानमंत्री आवास निर्माण के हितग्राही को एक बार नहीं कइयो बार आवास को पूर्ण कराने की आवेदन और निवेदन भी करते हैं। ऊपर से प्रशासनिक अधिकारियों का दबाव कोई भी हाल में आवास पूर्ण होना चाहिए ऐसा में करें तो क्या करें छोटा-मोटा गलती हुआ भी है लेकिन वह संबंधित हितग्राहियों के हित में किया गया है। चलो कोई बात नहीं आज नही तो 15 दिन के बाद में वह अपने मकान को बनाएगा लेकिन निचले स्तर के कर्मचारियों के ऊपर सेवा बर्खास्थी का प्रमाण पत्र उचित नहीं है।
संजय नेताम जिला पंचायत सदस्य गरियाबंद,,,प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक मकान उपलब्ध कराना है। लेकिन गरियाबंद जिले में इसका दुरुपयोग और भारी अनियमिता सामने आई है। जिन घरों में दीवार,छत तक नहीं खड़ी उन अधूरे घरों में लोग रहने इसलिए मजबूर हो रहे है।क्योंकि उन्हीं को कागजों में पूरा दिखाकर देश के प्रधानमंत्री से गृह प्रवेश कराया गया है। यह योजना गरीबों के सपनों के साथ भद्दा मजाक है।मैं स्पष्ट कहना चाहूंँगा हम विपक्ष में है लेकिन जनता के अधिकारों की आवाज बन कर है। हर अधूरे मकान की जांँच हो जिन्होंने गलत प्रमाण पत्र देकर ऊपर जानकारी दिए उन सभी के खिलाफ सैद्धांतिक कार्यवाही होनी चाहिए।