गरियाबंद में ओडिशा से अवैध धान तस्करी का तरीका बदल गया है। बड़े वाहनों पर लगातार कार्रवाई के बाद अब बिचौलिए धान परिवहन के लिए साइकिल, ऑटो और मोटरसाइकिल का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्रशासन ने देवभोग और अमलीपदर तहसील क्षेत्रों में एक महीने में 41 वाहनों से 55 लाख रुपये मूल्य का 4422 पैकेट धान जब्त किया है।
जानकारी के अनुसार, खोकसरा, सागौनभाड़ी, झिरिपानी, अमाड़, धूमाभटा, पीठापारा, फलसापारा, तुआसमाल और कसीपानी जैसे इलाकों में बिचौलिए अब धान की अवैध आपूर्ति के लिए बाइक और साइकिल का उपयोग कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में ऑटो का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अवैध धान परिवहन के लिए दिए जा रहे हैं 500 रुपये
इस नए पैटर्न में, बाइक चालकों को पेट्रोल खर्च के अलावा प्रतिदिन 500 रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि साइकिल और ऑटो के लिए प्रति बोरा 50 रुपये निर्धारित किए गए हैं। बिचौलिए सीमा से सटे अपने रिश्तेदारों के घरों या खलिहानों को डंपिंग पॉइंट के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
यह परिवहन आधी रात से सुबह होने तक किया जा रहा है, जिसमें जांच नाकों और बड़े रास्तों के बजाय सिंगल पगडंडियों का इस्तेमाल हो रहा है। दीवान मुड़ा इलाके में तो इसके लिए खेतों के मेड़ों की कटाई कर विशेष रास्ते तक बना लिए गए हैं।
बिचौलियों को 2,500 रुपए तक का फायदा
जानकारी के अनुसार, दहीगांव का शातिर बिचौलिया प्रशासन की नज़र से बचकर यह कारोबार चला रहा है। यह धान झिरिपानी, निष्टीगुडा और दहीगांव तक पहुंचाया जा रहा है।
किसानों की औसत पैदावारी 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ है, लेकिन बिचौलियों के दबाव में वे 21 क्विंटल बेचना चाहते हैं। इस वजह से अवैध धान की डील से बिचौलियों को 2,500 रुपए तक का फायदा हो रहा है। समर्थन मूल्य और बोनस मिलाकर किसानों को 3,100 रुपए मिलते हैं।
अवैध धान के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी
पिछले एक महीने में पुलिस ने अवैध धान के खिलाफ लगातार कार्रवाई की है। देवभोग थाना प्रभारी फैजुल शाह हुदा और अमलीपदर पुलिस टीम ने कई वाहनों और बोरी धान जब्त किए हैं। अब तक 29 प्रकरणों में 25 वाहन और 2,022 बोरी धान जब्त किया गया है। देवभोग तहसीलदार और राजस्व अमला ने भी अलग-अलग वाहनों से लाखों की कीमत का धान जब्त किया।
थाना प्रभारी फैजुल शाह हुदा ने कहा कि उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में तस्करों और बिचौलियों के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है। अगर बाइकर्स और अन्य लोग इस अवैध धान परिवहन में लिप्त पाए जाएंगे, तो उन पर भी कार्रवाई होगी।
देवभोग तहसीलदार अजय चंद्रवंशी ने बताया कि लगातार कार्रवाई से बिचौलियों में हड़कंप मचा हुआ है। वे राजनीतिक रसूख का फायदा उठाकर कार्रवाई रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन सतर्क है।