सपना सोनी ने बढ़ाया प्रदेश का मान, राष्ट्रपति पुरस्कार से होंगी सम्मानित

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रायपुर। राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए इस वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य से चयनित एक मात्र शिक्षिका श्रीमती सपना सोनी ने राज्य का मान बढ़ाया है। श्रीमती सपना सोनी दुर्ग जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला जेवरा-सिरसा में भौतिक शास्त्र की व्याख्याता है। श्रीमती सोनी को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य के लिए उन्हें 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस साल पूरे देश से 47 शिक्षकों को चयनित किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से एकमात्र शिक्षिका श्रीमती सपना सोनी भी शामिल हैं। पूरे देश से विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेश एवं स्वतंत्र एजेंसियों के 153 शिक्षकों का राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा साक्षात्कार उपरांत श्रीमती सपना सोनी को राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान के लिए चयनित किया गया।
श्रीमती सपना सोनी ने अपने समर्पित शिक्षण-कौशल के साथ नवीन और आधुनिक अध्यापन विधियों का उपयोग करते हुए एक नवाचारी शिक्षण विधि विकसित की जिसकी मदद से विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। उल्लेखनीय है कि जनसहयोग से वर्ष 2014 में जिले के शासकीय स्कूलों में स्मार्ट क्लास की स्थापना हुई। इस अवसर का उपयोग करते हुए वर्ष 2014 से ही श्रीमती सपना ने आई.सी.टी. के माध्यम से नवीन शिक्षण प्रविधियों द्वारा अध्यापन, हिन्दी माध्यम में ई- विकसित कर विद्यार्थियों के अधिगम को सरल, रूचिकर और प्रभावशाली बनाया। उन्होंने एजुकेशनल विडियोज के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने से लेकर संस्था में अंतरिक्ष विज्ञान क्लब के स्थापना और क्रियान्वयन द्वारा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक अभिवृत्ति उत्पन्न करने में सफलता प्राप्त की। संस्था में विज्ञान कार्नर जैसे नवाचार से विज्ञान के विद्यार्थियों को काफी मदद मिली। परिणामत: विगत् 12 वर्षों से संस्था के विद्यार्थीगण उनके उत्कृष्ठ मार्गदर्शन में विभिन्न प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत हो रहे हैं। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले से विद्यार्थी साइंस के क्षेत्र में नवाचार का प्रदर्शन कर रहे हैं, सपना जैसे शिक्षकों की मदद से विज्ञान को रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाकर रोचक ढंग से विज्ञान सीख और समझ रहे हैं। यहाँ के विद्यार्थी न केवल देश में बल्कि जापान जैसे देश में भी विज्ञान का मॉडल प्रदर्शित कर चुके हैं। इसके पीछे सपना जैसे शिक्षकों का उल्लेखनीय योगदान है।