कसडोल। कसडोल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. नगर के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बाद राख एवं हड्डी रहस्यमय ढंग से गायब हो गई. मुक्तिधाम के पास में ही एसएलआरएम सेंटर में रहने वाले चौकीदार का कहना है कि वो रात में सो गया था, उसे कुछ मालूम नहीं है. मुक्तिधाम की चाबी रखने वाले को भी कुछ जानकारी नहीं हैं. परेशान परिजनों ने घटना की जानकारी होते ही पुलिस चौकी लवन में लिखित शिकायत दर्ज कराई है. घटनास्थल पर तहसीलदार के समक्ष परिजनों ने अपनी व्यथा बताई.
जानकारी के मुताबिक, कसडोल निवासी कमलेश श्रीवास पिता गया राम श्रीवास ने 26 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसकी जानकारी होते ही परिजनों ने खोजबीन की और कसडोल नगर के ही चंदली भाठा खार से उसका शव बरामद कर लिया. चूंकि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कसडोल थाने को कंटेन्मेंट घोषित कर सील कर दिया गया है, इसलिए लवन चौकी में घटना की शिकायत दर्ज कराई गई और पुलिस ने भी तत्परता के साथ काम कर तुरंत शव का पंचनामा कर परीक्षण के लिए भेज दिया. देर शाम हो जाने के कारण दूसरे दिन सुबह शव परीक्षण किया गया, जिसमें डॉक्टर ने फांसी लगाने के कारण दम घुटने से मौत होना बताया.
पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव को मुक्तिधाम हड़हापारा में रीति रिवाजों के साथ अंत्येष्टि किया. दूसरे दिन यानी 28 अगस्त को जब परिजन मुक्तिधाम पहुंचे, तब सब अस्थि सहित राख भी मुक्तिधाम से गायब मिला. इसके बाद परिजनों ने नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि चन्दन साहू को घटना की जानकारी दी. तब अध्यक्ष प्रतिनिधि ने नगर पंचायत के कर्मचारियों से पूछताछ की जिसमें सभी ने घटना के संबंध में अनभिज्ञता जाहिर की. मुक्तिधाम के पास ही एस एल आर एम सेन्टर में रहने वाले सोनू ने बताया कि रात में वो सो गया था उसे घटना के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. इस संबंध में मुक्तिधाम एवं एस एल आर एम सेन्टर के प्रभारी व्ही पी गहरवाल से फोन पर संपर्क की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने अपना फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा.
जांच के आदेश दिए
तहसीलदार एस एल सिन्हा ने कहा कि परिजनों की सूचना पर मौके पर जाकर देखा तो अस्थि एवं राख सब गायब थे. इस संबंध में थानेदार को घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. नगर पंचायत सी एम ओ अनुराधा एम ने कहा कि स्वच्छता निरीक्षक व्ही पी गहरवाल ने बताया कि मुक्तिधाम के बाउंड्रीवाल निर्माण का काम अभी अधूरा है इसलिए वहां पर कोई भी आ जा सकता है और मामला पुलिस प्रशासन का है वे जांच करें.