72 टुकड़े कर पत्नी की कर दी हत्या, अब हाईकोर्ट में पति ने दी सजा को चुनौती

Chhattisgarh Crimes

नैनीताल। उत्तराखंड के देहरादून की चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के दोषी राजेश गुलाटी को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिल सकी है. हाईकोर्ट ने राजेश की अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए राजेश गुलाटी को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट अब इस मामले पर 14 सितंबर को सुनवाई करेगा. आपको बता दें कि 17 अक्टूबर 2010 को राजेश गुलाटी ने ही अपनी पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या कर दी थी. फिर उसके शव को 72 टेकड़े कर फ्रीज में डाल दिया था. 12 दिसंबर 2010 को अनुपमा के भाई दिल्ली से देहरादून आया तो हत्या का खुलासा हो हुआ.

इसके बाद 1 सितम्बर 2017 को निचली अदालत ने दोषी राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 15 लाख का जुर्माना भी लगाया था. कोर्ट ने कहा था कि अर्थदंड से 70 हजार राजकीय कोष में जमा करने होंगे. बाकि राशि बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने भी इस हत्याकांड को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था. इस आदेश को राजेश गुलाटी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है, लेकिन राजेश के अधिवक्ता ने कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया था.

इंजीनियर ने की थी लव मैरिज

मालूम हो कि राजेश गुलाटी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था. उसने अनुपना के साथ लव मैरिज की थी. लेकिन 2010 में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी की 72 तुकड़ों में काटकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड से देहरादून में सनसनी फैल गई थी. वहीं कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध माना तो राजेश गुलाटी जेल चला गया. इसके बाद बच्चों के सिर से मां और बाप दोनों का साया उठ गया. हालांकि कोर्ट ने बच्चों के बालिग होने तक बैंक में पैंसा जमा करने का भी आदेश दिया था.