आदिवासियों पर बढ़ते संघी मनुवादी फासीवादी दमन और क्षेत्र के आदिवासी जनता की समस्याएं”विषय पर एक अध्ययन शिविर आयोजित किया गया

Chhattisgarh Crimes Chhattisgarh Crimes Chhattisgarh Crimes

पूरन मेश्राम/मैनपुर।

28 जुलाई सोमवार को साहू सदन भवन मैनपुर में आदिवासियों पर बढ़ते संघी मनुवादी फासीवादी दमन और क्षेत्र के आदिवासी जनता की समस्याएं”विषय पर एक अध्ययन शिविर आयोजिन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉमरेड भीमसेन मरकाम ने किया।संचालन ABM के अखिल भारतीय सचिव कॉमरेड युवराज नेताम ने किया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कॉमरेड तुहिन ने कहा कि 28 जुलाई को कॉमरेड चारू मजूमदार की 53 वी शहादत दिवस हैं, दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने फासीवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ क्या है?यह कैसे सैकड़ों खुले और गुप्त संगठनों के माध्यम से अडानी अंबानी सरीखे महाभ्रष्ट कॉरपोरेट घरानों मुट्ठीभर धन्नासेठों के लिए क्रूर मनुस्मृति आधारित हिंदुराष्ट्र स्थापित करने जा रहा है।

कैसे अमानवीय जाति व्यवस्था को यह पुनः मजबूती प्रदान कर रहा है और अपने वैचारिक आधार मनुवादी हिंदुत्व के बिना भारत के मूल निवासी आदिवासियों को वनवासी कहकर उनको गुलाम बनाने का षडयंत्र रचा है,और कैसे देशी विदेशी कॉरपोरेट घरानों की सेवा करने के लिए आर एस एस नव फाँसीवादी पूरे देश में गरीब मेहनतकश जनता,दलित उत्पीड़ित आदिवासी महिला और अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफ़रत और विभाजन का जहर फैला रही है। इन विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।इसके अलावा गरियाबंद मैनपुर क्षेत्र की आदिवासी जनता की प्रमुख समस्याएं जिनमें वन भूमि का पट्टा प्राप्त आदिवासियों को वन विभाग द्वारा अपात्र घोषित करने के मुद्दे पर आंदोलन छेड़ने की योजना भी बनी।क्षेत्रीय समस्याओं एवं मूलभूत अधिकारों को लेकर जल्दी ही मैनपुर में धरना प्रदर्शन किया जायेगा।

अगला वक्ता वक्ता भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) रेड स्टार के राज्य सचिव कॉमरेड सौरा यादव थे,कॉमरेड सौरा यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि आजादी के 76 साल बाद भी प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रो के आदिवासीयों को आज भी काबिज जमीन का मालिकाना हक पट्टा नही मिला है।इन इलाकों में आदिवासी शिक्षा,स्वास्थ्य,बिजली,पानी

सड़क और रोजगार जैसे मूलभूत अधिकारों से वंचित हैं।छत्तीसगढ़ में ग्राम सभा,पेसा कानून बना है। लेकिन राज्य सरकार कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए ग्राम सभा, पेसा कानून को दर किनार कर दिया है।नक्सली के नाम पर बस्तर में निर्दोष आदिवासियों को मारा जा रहा है,महिलाओं के साथ दुराचार,हत्या की घटनाएं बढ़ रही है,फर्जी मुठभेड़ जारी है,निर्दोष युवाओं को जेलों में बंद कर रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ डॉ. स्वामीनाथ को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करती है,वहीं दूसरी तरफ डॉ.स्वामीनाथ के द्वारा किसानों के लिए जो अनुशंसा किया था,उसे लागू नहीं करती है,जो किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है,देश में महंगाई, बेरोजगारी एवं भ्रस्टाचार विगत10वर्षों में तेजी से बढ़ा है,मजदूर, किसान,दलित एवं आदिवासियों के ऊपर दमन बढ़ गया है।देश में अदानी अम्बानी का राज है, मोदी सरकार इन कॉरपोरेट घरानों की गुलामी कर रही है।केंद्र की मोदी सरकार ने वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन किया है,आदिवासियों को जंगलो से बेदखल कर वन संपदा और खनिज संपदा को लूट सके।केंद्र सरकार की जन विरोधी बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को लाया है,लोगो के घरों में नया प्री-पेड स्मार्ट मीटर लगा रही है,आम जनता से वसूली करके आडानी को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है,प्रदेश के किसान परेशान हैं।पहले महाजनों ,सूदखोरों से कर्जा लेकर किसान आत्महत्या करते थे,अब किसान बैंको के मकड़जाल में फ़ँस कर आत्महत्या कर रहे हैं,किसानों को बीज, उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाये जाने की जरूरत है,किसानों की उपज के लिए एमएसपी सी2$50 की कानूनी गारंटीऔर खरीद की गारंटी के लिए संघर्ष करनी होगी।सरकार को आदिवासियों की समस्या को हल करने की जरूरत है। युवराज नेताम ने कहा कि गरियाबंद जिले में मैनपुर क्षेत्र के किसानों का भूमि बंदोबस्त मे कई सारे त्रुटियां हैं,किसान परेशान होकर पटवारी,आर.आई,तहसीलदार के दफ्तरों का चक्कर लगाते रहते हैं, बंदोबस्त त्रुटी सुधार के नाम पर लुटा जा रहा है।सरकारी समितियों में धान बेचने के समय पिछले साल भी किसान भारी संख्या में परेशान थे,यह समस्या वैसे तो पूरे प्रदेश में है,सरकार को शिविर आयोजित करके इस गंभीर समस्या का समाधान करना चाहिए।

बलिराम नेताम ने कहा कि मैनपुर ब्लॉक में आज भी जारण्डी ग्राम से धवलपुर के लिए पुल नही है, मैनपुर से मैनपुर कला का पुल विगत कई वर्षों से टूटा हुआ है,राजपुर से देहारगुड़ा जाने का पुल कामेपुर से धवलपुर का पुल का सख्त जरूरत है।जान जोखिम में डाल कर स्कूल के बच्चे स्कूल जाते हैं , क्षेत्र की आम जनता परेशान हैं।

हेमंत कुमार टण्डन ने कहा कि दिल्ली के किसान आंदोलन मे पिछले दिनों सैकड़ो किसानों ने कुर्बानी दी है,उस वक्त केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार बड़े जोर शोर से प्रचार किया था कि ये कृषि कानून किसानों के हित में है, किसानों के राष्ट्रव्यापी विरोध के कारण सरकार ने जन विरोधी तीन कृषि कानून को वापस लेना पड़ा औऱ किसानों की शेष मांगो को पूरा करने के लिए एक कमेटी बनाया,लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी कोई मांग पूरा नहीं हुआ हैं।

किसान नेता भीमसेन मरकाम ने कहा कि क्षेत्र की जनता परेशान हैं, किसानों को अपने फसलो का सही दाम नहीं मिल रहा है, किसान समर्थन मुल्य (एम एस पी)की मांग को लेकर दिल्ली के बाँडर पर लड़ रहा है औऱ पुलिस लाठीचार्ज कर किसानों को जेलों में डाल रही है।मोदी सरकार जुमले बाजी करके लोगों को मुर्ख बना रही है।हमे अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।कार्यक्रम में विशेष रुप से पदमलाल नेताम, परमेश्वर मरकाम,गोखरण नागेश,थानसिंह मांडे, मूलचंद साहू,हीरा सिंह,बलिराम नेताम,अर्जुन सिंह सोरी एवं अन्य साथियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।