18 जून की दोपहर 3 बजे, 1 मिनट आखिरी बार बातचीत हुई। जिसमें यह बात ऐमन ने अपनी मां शाहीन रजा से कही थी। ऐमन रायपुर की रहने वाली हैं, पिछले 6 साल से स्टूडेंट वीजा पर ईरान में हैं। उनके पति एजाज जैदी और दो बच्चे भी साथ हैं। बाकी इंडियन स्टूडेंट्स की तरह इन्हें भी ईरान-इजराइल युद्ध के बीच वतन वापसी का इंतजार है।
परिवार वाले परेशान, बेटी के वापस आने का इंतजार
हम जब घर पहुंचे, तो ऐमन की मां शाहीन दरवाजे पर खड़ी हुईं थी। उनके आंखों में आंसू थे। पति कासिम से कह रहीं थी कि कुछ भी करिए लेकिन बेटी-दामाद, बच्चों को घर लाइए। जवाब में कासिम बस इतना ही कहते हैं कि घबराओ मत, उसे कुछ नहीं होगा।
इसके बाद कासिम हमारी ओर देखते हुए बताते हैं कि जब से युद्ध की खबर आई है। सिर्फ रो रही है। रोटी का सिर्फ चौथा हिस्सा खा रही है। किसी चीज का होश नहीं रहता। बेटी का नंबर भी कल रात से नहीं लग रहा है। पता नहीं कहां फंस गए हैं, वो लोग।
मां बोली- बेटी बीमार रहती है, कहीं कुछ हो न जाए
मां शाहीन ने बताया कि, बेटी की तबीयत खराब रहती है। उसे कभी-कभी ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती है। डर लगता है कि कहीं उसे कुछ हो न जाए। सरकार से दरख्वास्त है कि, वो हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस ले आए।
ऐमन ने बताया था कि, इंडियन एम्बेसी की ओर से अब तक कोई मदद नहीं मिली हैं। हालांकि उन लोगों ने कोई फॉर्म भरकर एम्बेसी को भेजा है।
6 साल पहले स्टूडेंट वीजा पर गए थे
ऐमन के पिता ने बताया कि, कासिम रजा ने बताया कि बेटी कह रही थी कि सब ठीक है। लेकिन उसकी बातों से लग रहा था कि वो परेशान है। बेटी शादी के बाद 6 साल पहले स्टूडेंट वीजा पर ईरान गई थी। दामाद वहां मौलवियत का कोर्स कर रहे हैं। बेटी बता रहा थी कि कई लोग फंसे हैं।
कुछ स्टूडेंट्स वॉर में घायल भी हुए हैं। किसी का उनके परिवार से कनेक्शन नहीं पा रहा है। इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है।