बिलासपुर कोटा के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी और बिलासपुर के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) आनंद रूप तिवारी को सामान्य प्रशासन विभाग ने निलंबित कर दिया है। कोटा एसडीएम रहने के दौरान उन पर भ्रष्टाचार एवं अनियमिता के आरोप लगे थे।
एक ही खसरे में मुआवजे में करोड़ों का खेल
अरपा भैंसाझार परियोजना के तहत किए गए भू-अर्जन में एक ही खसरे का अलग-अलग रकबा दिखाकर मुआवजा वितरित किया गया। जांच में यह खुलासा हुआ कि करीब 3.42 करोड़ रुपए की अनियमितता की गई। यह फर्जीवाड़ा उस समय हुआ जब आनंद रूप तिवारी कोटा के एसडीएम थे। इस घोटाले में उनके साथ तत्कालीन एसडीएम कीर्तिमान सिंह राठौर सहित कई अन्य राजस्व और जल संसाधन विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए हैं।
दोषी पाने के बाद कार्रवाई
जारी आदेश के अनुसार आरटीओ तिवारी ने अनुविभागीय अधिकारी रहने के दौरान सिविल सेवा नियम 1965 के नियम-3 के तहत गंभीर लापरवाही और उदासीनता को अंजाम दिया। इस दौरान अरपा भैंसाझार चकरभाठा नहर निर्माण के समय भू अर्जन की कार्यवाही में भारी अनियमितता को अंजाम दिया गया। जांच पड़ताल और तमाम प्रमाण के बाद राज्य शासन ने आनंद रूप तिवारी को दोषी पाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम के तहत कार्रवाई की है।