आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर: ग्लोबल इकोनॉमिक इंडेक्स में भारत 105वें पायदान पर

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नई दिल्ली। ग्लोबल इकोनॉमिक फ्रीडम इंडेक्स 2020 की ताजा रैंकिंग जारी कर दी गई है। इसमें भारत 26 स्थान फिसलकर 105वें पायदान पर आ गया है। रैंकिंग में भारत सहित 162 अन्य देशों को शामिल किया गया है। द इकोनॉमिक फ्रीडम आफ द वर्ल्ड 2020 की सालाना रिपोर्ट को कनाडा की फ्रेजर इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किया गया है। भारत में इसे नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी के साथ मिलकर जारी किया गया है। इससे पहले साल 2018 में जारी रैंकिंग में भारत 79वें स्थान पर था।

इन मापदंडों पर भारत की स्थिति खराब

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के साइज के मामले में भारत को पिछले साल जहां 10 में से 8.22 अंक मिले थे वहीं इस बार 7.16 अंक मिला है। लीगल सिस्टम के मामले में 5.17 की जगह 5.06 अंक मिला है। ग्लोबल ट्रेड में फ्रीडम के मामले में 6.08 की जगह 5.17 मिला है। क्रेडिट, लेबर और बिजनेस के मामले में 6.63 की जगह 6.53 अंक मिला है। इस गिरावट के पीछे कोविड-19 वायरस को जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। रैंकिंग पर इसका प्रभाव अगले दो सालों में दिखेगा। रैंकिंग में भारत की स्थिति पड़ोसी मुल्क चीन से बेहतर है। रैंकिंग में चीन 124वें स्थान पर है। इसके अलावा टॉप-10 में न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, मॉरिशस, जॉर्जिया, कनाडा और आयरलैंड शामिल हैं।

इन देशों का हाल है सबसे बुरा

अफ्रीकी रिपब्लिक, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक कांगो, जिम्बाब्वे, रिपब्लिक आफ कांगो, अल्जीरिया, ईरान, अंगोला, लीबिया, सूडान और वेनेजुएला को रैंकिंग में सबसे आखिरी स्थान मिला है। इसके अलावा कुछ अन्य प्रमुख देशों, जिसमें जापान 20वें, जर्मनी 21वें, इटली 51वें, फ्रांस 58वें, मैक्सिको 68वां और रूस को 89वां स्थान मिला है। द इकॉनोमिक फ्रीडम आफ द वर्ल्ड 2020 की सालाना रिपोर्ट को 5 अलग-अलग फैक्टर्स पर मापा गया है। इसमें सरकार का आकार, लीगल सिस्टम और संपत्ति का अधिकार, साउंड मनी, ग्लोबल ट्रेड में खुलापन, सरकारी नियम जैसे कारक शामिल हैं। यह रिपोर्ट 162 देशों और टेरीटरीज में इकॉनोमिक फ्रीडम को आंका जाता है।