जीएसटी में छूट का दायरा हुआ दोगुना, वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर दी जानकारी
नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने 40 लाख रुपये सालाना तक के टर्नओवर वाले कारोबारों को इसके दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया है। इससे पहले जीएसटी से छूट की लिमिट 20 लाख रुपये सालाना टर्नओवर की थी। इसके अलावा 1.5 करोड़ रुपये तक सालाना टर्नओवर वाली कंपनियां कंपोजिशन स्कीम का फायदा ले सकती हैं और उन्हें सिर्फ 1 पर्सेंट टैक्स ही अदा करना होगा। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर कहा, जीएसटी के लागू होने के बाद से ज्यादातर चीजों पर टैक्स की दर में कमी देखने को मिली है। फिलहाल 28 फीसदी टैक्स की दर लग्जरी वस्तुओं तक ही सीमित है।
निर्माण क्षेत्र में भी दी राहत
इस स्लैब में कुल 230 आइटम्स थे, जिनमें से 200 को निचले स्लैब में शिफ्ट कर दिया गया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार निर्माण क्षेत्र को भी जीएसटी में बड़ी राहत दी है। अब इस सेक्टर को 5 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में रख दिया गया है। यही नहीं अफोर्डेबल हाउसिंग पर जीएसटी रेट अब महज 1 फीसदी ही रह गया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक टैक्सपेयर्स की संख्या भी दोगुनी हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि जिस समय जीएसटी लागू किया गया था उस समय इसके तहत आने वाले करदाताओं की संख्या 65 लाख थी। आज यह आंकड़ा बढ़कर 1.24 करोड़ पर पहुंच गया है। जीएसटी में 17 स्थानीय शुल्क समाहित हुए हैं।
मोदी सरकार में लागू जीएसटी
देश में जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में अरुण जेटली वित्त मंत्री थे। मंत्रालय ने ट्वीट किया, आज हम अरुण जेटली को याद कर रहे हैं। जीएसटी के क्रियान्वयन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इतिहास में इसे भारतीय कराधान का सबसे बुनियादी ऐतिहासिक सुधार गिना जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि लोग जिस दर पर कर चुकाते थे, जीएसटी व्यवस्था में उसमें कमी आई है। राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) समिति के अनुसार राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत है। वहीं रिजर्व बैंक के अनुसार अभी जीएसटी की भारित दर सिर्फ 11.6 प्रतिशत है।