अब छत्तीसगढ़ में कंटेनमेंट जोन के हिसाब से होगा लॉकडाउन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी कलेक्टरों को निर्देश

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के कहर के चलते सरकार ने लॉकडाउन का फैसला लिया है। मगर इस बार लॉकडाउन का स्वरूप बदला रहेगा। इस दफे प्रदेश के जिलों में कंटेनमेंट जोन के हिसाब से लॉकडाउन लगाया जाएगा। यह फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व उनकी टीम ने लिया है। लॉकडाउन लगाने का सबसे बड़ा कारण कारण कोरोना की वजह से प्रदेश में लगातार हो रही मौत है।

प्रदेश में मौजूदा हालात के मद्देनजर राज्य सरकार ने कड़ा निर्णय लिया है। आज हुई इस बैठक में चीफ सेकरेटरी आरपी मंडल, सभी जिलों के कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी व निगम आयुक्त समेत सभी मंत्री शामिल हुए थे। याद होगा जब पिछली दफा मुख्यमंत्री ने ऐसी ही बैठक बुलाई थी, तब लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया था। उस बार के हालात इससे कहीं ज्यादा बेहतर थे, लेकिन इस दफा स्थिति बेहद नाजुक है। मौत और मरीज दोनों आंकड़े बेहद डरावने हैं। आपको बता दें कि शनिवार देर रात 1357 नए मरीजों की पहचान की गई। दिनभर में कुल 2529 कोरोना संक्रमितों की पहचान की गई। कोरोना से प्रदेश में 356 जान जा चुकी है।

बैठक में इन विषयों पर हुई चर्चा

बैठक में मरीजों की संख्या, उपचार की व्यवस्था, बेड की संख्या, उपचार के तरीके, डाक्टरों की उपलब्धता, होम आइसोलेशन की सुविधा, दवा और किट के इंतजाम सहित कई अन्य बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है। बैठक में लॉकडाउन को लेकर भी चर्चा हुई। अधिकारियों से बातचीत के बाद निर्णय लिया गया है कि संपूर्ण लाॉकडाउन के बजाय जिलों के नगरीय क्षेत्र में वार्डों के आधार पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाये। मतलब जिन वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जायेगा, वहां उद्योगों को छोड़ सभी तरह के व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद कर दिये जायेंगे। इस फैसले के लिए कलेक्टर को अधिकृत कर दिया गया है। कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद सभी तरह की दुकानें बंद हो जायेगी, शर्तों के साथ सिर्फ दूध की दुकानें खुलेगी, वहीं बैंक, दवा, पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, मीडिया सहित कुछ अति आवश्यक सेवा को ही इससे छूट दी जायेगा

कलेक्टर को दिया अधिकार

पिछली बार की तरह ही इस दफा भी लॉकडाउन होगा, लेकिन केंद्र के नियमों सं बंधे होने की वजह से लॉकडाउन के बजाय उसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉक किया जायेगा। मतलब पिछली दफा की तरह पूरे नगरीय क्षेत्र को बंद नहीं किया जायेगा, बल्कि वार्डों के हिसाब से कंटेनमेंट जोन घोषित कर लॉकडाउन किया जायेगा, या फिर कलेक्टर चाहें तो संपूर्ण नगरीय क्षेत्र को भी कंटेनमेंट जोन घोषित कर शहर को लॉक करने का आदेश दे सकते हैं। मतलब बंद करने का पूरा का पूरा अधिकार अब कलेक्टर को होगा। कलेक्टर इस बात का फैसला करेंगे कि क्या पूरे नगरीय क्षेत्र को बंद कर दिया जाये या फिर वार्डों के आधार पर बंद किया जाये।