प्रदेश के बड़े शहरों की तर्ज पर जांजगीर-चांपा जिले के शराब दुकानों में कैशलैस सुविधा के लिए पहल की जा रही है। इससे लूट, चोरी, डकैती से बड़ी राहत मिलेगी। क्योंकि जब शराब दुकान में कैश ही नहीं रहेगा तो लूट चोरी डकैती की गुंजाइश ही नहीं रहेगी।
पैसों का मिलान कर पाना कठिन
दरअसल, शराब दुकानों में हर रोज लाखों रुपए की बिक्री होती है। लाखों रुपए का भुगतान का मिलान कर पाना कर्मचारियों के लिए दिक्कत हो जाएगी। कितने का नकद भुगतान हुआ है तो कितने का ऑनलाइन भुगतान हुआ है। इसकी मिलाश करना कठिन हो जाएगा। इसके लिए भी कोई तोड़ निकालने की कवायद जारी है। इसके लिए बड़े शहरों में किस तरह पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है इसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी। ताकि इस पहल को शराब दुकानों में चलन में लाई जा सके।
हर शराब दुकान से दो लाख की बिक्री
जिले में 48 शराब दुकानें है। जिसमें आधे में सिंगल तो आधे में कंपोजिट सुविधा है। यानी देसी व अंग्रेजी दोनों तरह की शराब बिक्री की जाती है। इसके अलावा जांजगीर व चांपा में प्रिमियम वाइन शॉप संचालित है। इन प्रत्येक शराब दुकानों में हर रोज तकरीबन 2 लाख रुपए की शराब की बिक्री होती है। यानी तकरीबन हर रोज एक करोड़ रुपए की शराब बिक्री होती है। इतने रुपयों का मिलान करना होगा। इतना ही पूरे पाई-पाई का हिसाब कैश व ऑनलाइन ट्रांजक्शन के माध्यम से भुगतान होगी उसकी जानकारी देनी होगी।