शहरीकरण और शहरों की आर्थिक समृद्धि बढ़ने के साथ-साथ अपराध भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। महिलाओं और बच्चों के साथ-साथ घरेलु हिंसा, बड़े-बुजुर्गों पर अपराधिक घटनाएं बहुतायत में देखने और सुनने को मिल रही है। प्रदेश में बढ़ते अपराधिक घटनाओं को रोकने, प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन अपने स्तर पर कार्य कर रही है, पर इन सबके बीच हमारा भी दायित्व बनता है कि प्रदेश में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने हमे भी आगे आना चाहिए।
सिर्फ अपराधिक घटनाओं या अपने आस-पास हो रही घरेलु हिंसा को देखकर, चुप हो जाना और बाद में इस पर चर्चा करना और सारा दारोमदार पुलिस प्रशासन के मत्थे छोड़कर दूर से तमाशबीन की तरह देखने की जो आम प्रवृत्ति है उससे निकलकर हमे समाज में ऐसा जन जागरूक अभियान चलाना चाहिए ताकि एक सभ्य समाज जिसमें अपराध जैसा माहौल ना हो और हमारी माता, बहन, बेटी, बुजुर्ग निर्भीक होकर सांस ले सकें, घूमफिर सकें।
इसी सोच को ध्यान में रखते हुए हमने 2 मार्च 2011 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से छत्तीसगढ़ क्राइम्स अखबार का प्रकाशन प्रारंभ किया। छत्तीसगढ़ क्राइम्स समाचार पत्र सामयिक घटनाओं, राजनीति, खेलकूद, व्यक्तित्व के अलावा समाज के अंदर जागरूकता और आपसी सहयोग का माहौल बनाने का प्रयास करने की दिशा में लगातार प्रयारत है। छत्तीसगढ़ क्राइम्स के मुद्रक, प्रकाशक एवं संपादक श्री के.सी. सुनील जी का भी यही हमेशा सोच रही है कि हम ऐसे खबरों को प्राथमिकता के साथ प्रकाशित करें जिसमें समाज के अंदर एक जागरूकता का माहौल बने।
हम अपने इन्हीं उद्देश्यों के साथ पिछले 10 वर्षों से छत्तीसगढ़ क्राइम्स समाचार पत्र का प्रकाशन करते आ रहे हैं और यह क्रम निरंतर जारी रहेगा…