- एसीसी और अदाणी फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ के गोड़ाडीह गांव में 25 स्वयं सहायता समूहों की 60 महिलाओं को मशरूम की खेती और गैर-कृषि व्यवसाय उद्यमों पर ध्यान केंद्रित कर आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया
- महिला सदस्यों में नेतृत्व कौशल और वित्तीय स्वतंत्रता बढ़ाने, समुदाय के वहनीय विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जा रही हैं
बिलासपुर। विविधीकृत अदाणी पोर्टफोलियो की सीमेंट एवं निर्माण सामग्री कंपनी, एसीसी लिमिटेड अपने परिचालन वाले क्षेत्रों में लोगों को सशक्त बनाने और वहनीय आजीविका को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। एसीसी ने अदाणी फाउंडेशन के साथ मिलकर हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अपने चिल्हाटी स्थल के पास गोड़ाडीह गांव में महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए सशक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, ताकि वहनीय कृषि पद्धतियों और अन्य व्यावसायिक उपक्रमों को बढ़ावा दिया जा सके।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 स्वयं सहायता समूहों की 60 महिलाओं ने हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मशरूम की खेती पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें पांच स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने खेती की प्रक्रियाओं, बड़े पैमाने पर उत्पादन और सूखे मशरूम जैसे मशरूम के उप-उत्पादों के उपयोग के बारे में गहन जानकारी हासिल करने के लिए पास के गतोरा गांव का दौरा किया।
इसके अलावा, झाड़ू बनाने, मोमबत्ती बनाने, अगरबत्ती बनाने और चूड़ी बनाने जैसे गैर-कृषि व्यवसायिक उपक्रमों पर भी चर्चा की गई, साथ ही प्रतिभागियों को उनकी बैठकों में उपयोग के लिए 25 दरियां भी दी गईं।
अदाणी फाउंडेशन ने यहां नियमित बैठकें आयोजित कीं, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता तथा वित्तीय रिकॉर्ड रखने की क्षमता बढ़ाकर और आय सृजन के नए तरीके खोजने में उनका मार्गदर्शन कर एसएचजी सदस्यों के कौशल स्तर को बढ़ाने में मदद मिली। यह कार्यक्रम समुदाय के भीतर निरंतर विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है, ताकि गोड़ाडीह गांव की महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता की यात्रा को सक्षम बनाया जा सके।