कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए अंबा हल्दी है अमृत समान, ऐसे करेंगे सेवन तो मौसमी बीमारियां नहीं फटकेगी आसपास, ये समस्याएं भी होंगी फुर्र

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हल्दी उन मसालों में से है, जिसका इस्तेमाल भारतीय घरों में हर रोज खाना पकाने में किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी अम्बा हल्दी का इस्तेमाल किया है? आयुर्वेद में अंबा यानी के कई औषधीय गुण बताए गए हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। अंबा हल्दी को सफेद हल्दी के नाम से भी जाना जाता है। यह अपने एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीफंगल, एंटीकार्सिनोजेनिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों की वजह काफी लोकप्रिय है। यह हल्दी पौधे की जड़ में बढ़ती है।अंबा हल्दी का स्वाद बहुत ज़्यादा कड़वा होता है। अगर, आप खांसी, जुकाम, हार्मोनल असंतुलन, थायरॉयड और पीसीओएस जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं तो इस हल्दी का इस्तेमाल ज़रूर करें। चलिए, जानते हैं इसे अपनी डाइट में कैसे शामिल करें और ये किन समस्याओं में कारगर है?

कैसे करें आंबा हल्दी का इस्तेमाल?

आंबा-हल्दी का इस्तेमाल करने से आपको कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और मौसमी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। कच्ची हल्दी और आंबा-हल्दी के 2 छोटे टुकड़े लें इन्हें गोलाई में काटें और उनपर 1 नींबू का जूस डालें। दोपहर के भोजन और रात के खाने के साथ आप इन्हें आप खाएं। एक दिन में 5 से 6 स्लाइस से ज़्याद न खाएं।

आंबा हल्दी खाने के फायदे

आंबा हल्दी के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे साडी खांसी नहीं होती साथ ही जोड़ों का दर्द, अपच और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है। वहीं नॉर्मल हल्दी लीवर, डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, श्वसन संबंधी विकार, आँखों, जोड़ों और शरीर में सूजन, मुँहासे जैसी समस्या के लिए बेहतरीन है। विटामिन सी से भरपूर नींबू तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और स्लो मेटाबोलिज़्म में सुधार करता है और वजन को कम करने में भी मदद करता है। तो, इन तीनों का यह मिश्रण न केवल आपकी प्रतिरक्षा को बढ़ाकर बीमारियों को रोकने में आपकी मदद करेगा, बल्कि कई समस्याओं में कारगर है।

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