आंबेडकर अस्पताल में लापरवाही

Chhattisgarh Crimesआंबेडकर अस्पताल में मॉडल ब्लड बैंक में जाने का रास्ता कोरोनाकाल से बाहर से है। इससे मरीजों को इमरजेंसी में खासकर रात में ब्लड ले जाने में परेशानी हो रही है। धूप हो या बारिश, उन्हें ब्लड जैसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट को बाहर के रास्ते से अस्पताल में ले जाना पड़ रहा है। देर रात वहां जाने में अटेंडेंट को परेशानी भी हो रही है।

कोरोना का संक्रमण न फैले इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने 2020 में मॉडल ब्लड बैंक कैफेटेरिया में शिफ्ट किया था। तब कोरोना की दस्त हुई थी और सितंबर में पहली लहर का पीक भी चला था। पहले ब्लड बैंक में जाने के लिए फर्स्ट फ्लोर से रास्ता था। अब मुख्य ओपीडी गेट से बाहर आकर पैदल चलकर ब्लड बैंक में जाना पड़ता है। सीढ़ी भी चढ़नी पड़ती है। प्रबंधन चाहे तो आसानी से अस्पताल के भीतर से पहले वाला इंट्रेंस रख सकता है। इस ओर प्रबंधन के किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं है। अस्पताल से जाने के लिए पर्याप्त जगह भी है, लेकिन पुरानी व्यवस्था बदली नहीं जा रही है। इससे अटेंडेंट को रात में दिक्कतें हो रही हैं।

श्वान का भी खतरा

पत्रिका को कुछ अटेंडेंट ने बताया कि कुछ दिनों पहले जब वे रात में ब्लड के लिए ब्लड बैंक पहुंचे तो बाहर श्वान भौंकने लगा और काटने को दौड़ा। इससे वह काफी घबरा गया था। परिसर में आवारा श्वान बड़ी संख्या में घूमते रहते हैं। हालांकि मेडिकल स्टोर की ओर गेट में ताला लगाया जाता है, लेकिन ये श्वान मेनगेट की ओर से घुस जाते हैं। बड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बाद भी ये आवारा श्वान न केवल परिसर में बल्कि अस्पताल के भीतर मरीजों व अटेंडर के खानों पर झपट्टा मार रहे हैं।