मुख्य उद्देश्य बस्तर के कल्चर को बढ़ावा देना
बस्तर के प्रवेश द्वार केशकाल टाटामारी के बाद बस्तर पहुंचे कल्चर कनेक्शन प्रोजेक्ट के सह संस्थापक जोशुआ सिम्स ने बताया कि उनकी टीम बस्तर में प्राचीन कल्चर और खानपान, रहवास और कला को नजदीक से देख समझकर अपने संस्था सीपीसी के माध्यम से अमरीका में प्रस्तुत करने वाले हैं। इस संस्था का उद्देश्य बस्तर की आदिम जनजाति और इसके रहन सहन, कला, संस्कृति और अन्य गतिविधियों को दुनिया में पहुंचाकर बढ़ावा देते हुए आदिवासियों की मदद करना है।
बस्तर में बहुआयामी व्यक्तियों से करेंगे मुलाकात
वर्तमान में जोशुआ बस्तर में शकील रिज़वी बस्तर ट्राइबल होमस्टे संचालक और दीप्ति ओगरे संस्थापक सुरुज फाउंडेशन के सहयोग से इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए बस्तर प्रवास पर हैं। इस प्रवास के मध्य वे ऐसे बहु आयामी व्यक्तियों से मिलेंगे जो सामाजिक विकास और उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं या सामाजिक समरसता स्थापित करने हेतु प्रयत्नशील हैं।
लाल आतंक का दायरा सिमटा तो होने लगी पूछ-परख
बस्तर में लाल आतंक की वजह से यहां लोग आने से बचते थे। जो विदेशी टूरिस्ट आते भी थे तो वे शहरी क्षेत्र के आसपास ही भ्रमण करते थे लेकिन अब शांति बहाली अभियान के बीच हालात बदले हैं। अब यहां लोग आसानी से प्रभावित इलाकों में जाकर भी अध्ययन कर रहे हैं। अमरीका से पहुंचा युवाओं का दल भी अंदरूनी इलाकों के गांवों में जाने की तैयारी में है। ताकि बस्तर को बेहतर तरीके से समझ सकें।