भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब साउथ अफ्रीका को 7 रनों से हराकर जीत लिया है। टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतते ही कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। भारतीय टीम ने 17 सालों के बाद टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ ही भारतीय टीम को कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल खत्म हो गया है। द्रविड़ एक खिलाड़ी के तौर पर टीम इंडिया के लिए कभी भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाए, लेकिन अब उन्होंने उसने कोच के तौर पर ट्रॉफी जीत ली है।
I am an early 90’s kid! This is my ❤️moment!#RahulDravid pic.twitter.com/jYqnnhlWii
— Maitreyi Shrikant Jichkar (@MaitreyiJichkar) June 29, 2024
राहुल द्रविड़ ने इस अंदाज में मनाया जश्न
राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के साल 2021 में कोच बने थे। उन्होंने आधुनिक क्रिकेट कोचिंग के भारी दबाव के बीच भी गरिमा और शालीनता से कामयाबी तक के सफर की बानगी दी। द्रविड़ को बहुत ही कम जज्बाती होते हुए देखा गया था। जैसे ही फाइनल के ‘प्लेयर आफ द मैच’ विराट कोहली ने उन्हें ट्रॉफी सौंपी, उन्होंने इतनी जोर से आवाज निकाली मानो आखिर में अपने भीतर की तमाम भावनाओं की अभिव्यक्ति कर रहे हों । द्रविड़ को ऐसा करते देखने की कोई शायद कल्पना भी नहीं कर सकता। कभी वह सनसनीखेज हेडलाइन नहीं देते लेकिन गैरी कर्स्टन की तरह चुपचाप काम करते रहे।
मेरे पास शब्द नहीं हैं: राहुल द्रविड़
भारतीय टीम के टी20 वर्ल्ड कप 2024 के ट्रॉफी जीतने पर कोच राहुल द्रविड़ ने कहा कि मेरे पास कहने के लिए शब्द नहीं हैं, मैं इस टीम पर जितना गर्व कर सकता हूं, उतना कम है। एक खिलाड़ी के रूप में, मैं ट्रॉफी जीतने के लिए भाग्यशाली नहीं था लेकिन मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। मैं काफी भाग्यशाली था कि मुझे एक टीम को कोचिंग करने का मौका दिया गया। सभी ने अच्छा किया। यह बहुत अच्छा एहसास है। यह एक शानदार सफर रहा है।
राहुल द्रविड़ से पहले रवि शास्त्री के कोच रहते भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया था लिहाजा उन पर टीम को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी थी। कोच के रूप में वह ऑस्ट्रेलिया दौरा तो नहीं कर सके लेकिन अलग अलग फॉर्मेट में उनकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराया। वैसे दक्षिण अफ्रीका की कमजोर टीम के खिलाफ एक हार और एक ड्रॉ रही टेस्ट सीरीज उन्हें कचोटती रहेगी मैदानी चुनौतियों के अलावा सुपरस्टार से भरे भारतीय ड्रेसिंग रूम को संभालना कम चुनौतीपूर्ण नहीं था। उन्होंने ऐसा माहौल बनाया जिसमें हर खिलाड़ी निखर सके ।