चोरी जैसे अपराधिक प्रकरण में संलिप्तता पाए जाने से आरक्षक को एसपी विजय पांडे ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है। पुलिस लाइन में पदस्थ आरक्षक शशिकांत कश्यप को चोरी के प्रकरण में संलिप्त पाये जाने पर विधिवत गिरफ्तार कर 23 मई को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। आरक्षक द्वारा पुलिस बल में रहते हुए इस तरह से चोरी की घटना को एक संगठित गिरोह की तरह कार्य करते हुए अंजाम देना स्वीकार योग्य नहीं है।आरक्षक का इस तरह से तीन-तीन चोरी जैसी घटना में सम्मिलित होना गंभीर अपराध है। एसपी विजय पांडे ने विभागीय व्यवस्था एवं नियमों के विपरीत आचरण को प्रदर्शित करना पाए जाने पर उसको सेवा से पदच्युत कर दिया।
कानून व्यवस्था पर सवाल
विभाग ने इसे अत्यंत गंभीर सेवा विपरीत आचरण मानते हुए आज आरक्षक को सेवा से बर्खास्त किया है। पुलिस बल में रहते हुए ऐसा कृत्य किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आरक्षक पर संगठित गिरोह के साथ चोरी में संलिप्तता पुलिस विभाग की छवि धूमिल करने का आरोप है। इस प्रकार की संलिप्तता न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पुलिस बल की साख को भी गहरा आघात पहुंचाती है। ऐसे मामलों में विभाग अब शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है।