बालोद जिले में टूर एंड ट्रैवल्स एजेंसी देने के नाम पर 84.30 लाख रुपए की ठगी करने वाले दो आरोपियों को दल्लीराजहरा पुलिस ने मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किया है। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
ये दोनों आरोपी 2024 से फरार चल रहे थे और लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे थे। राजहरा पुलिस ने विशेष टीम बनाकर मध्यप्रदेश के बैहर, बालाघाट से आरोपियों की गिरफ्तारी की है।
एजेंसी दिलाने का लालच, और ठग लिए लाखों
दल्लीराजहरा के वार्ड क्रमांक 9 के निवासी रंजीत सिंह पन्नू ने राजहरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी नागेश कुमार धारा, आरती और विद्या भट्ट से 2022 में जान-पहचान हुई थी। आरोपियों ने लेट्स ट्रैवल्स फ्री नाम से ट्रैवल एजेंसी की डीलरशिप दिलाने का लालच दिया।
झांसे में लेकर अलग-अलग किश्तों में कुल 84.30 लाख रुपए अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए। लेकिन ना तो एजेंसी दी गई और ना ही रकम लौटाई गई। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दल्लीराजहरा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज है।
डीलरशिप स्कीम बता कर लिया झांसे में
राजहरा टीआई सुनील तिर्की ने बताया कि 10 नवंबर 2022 को आरोपी दल्लीराजहरा पहुंचे थे और ट्रैवल एजेंसी की डीलरशिप स्कीम बता कर प्रार्थी से एजेंसी लेने के लिए रकम जमा करने की शर्त रखी गई। इस दौरान आरती और विद्या भट्ट ने डॉक्यूमेंट चार्ज और सदस्यता शुल्क के नाम पर 15-15 हजार रुपए लिए।
भरोसा जितने के बाद खाते में जमा कराए पैसे
भरोसा जीतने के बाद आरोपियों ने प्रार्थी को पूरी रकम जमा करने के लिए राजी कर लिया और झांसे में आकर 16 नवंबर से 14 दिसंबर 2022 के बीच प्रार्थी ने अलग-अलग किश्तों में कुल 84.30 लाख रुपए नागेश कुमार धारा के खाते में ट्रांसफर कर दिए।
यह रकम फोन पे, आरटीजीएस और चेक के माध्यम से जमा कराई गई, लेकिन इसके बाद न तो डीलरशिप मिली और न ही रकम वापस की गई।
पैसा मांगने फोन किया तो मोबाइल बंद किया
आरोपियों ने 3 महीने में पूरी रकम लौटाने और 20% प्रतिमाह लाभांश देने का वादा किया था। लेकिन न तो डीलरशिप दी गई और न ही पैसा लौटाया गया।
अप्रैल 2024 में जब प्रार्थी ने संपर्क किया, तो आरोपियों ने जल्द ही रकम वापस करने का आश्वासन दिया। इसके बाद मोबाइल बंद कर दिया। ठगी का एहसास होने पर प्रार्थी ने 3 जून 2024 को राजहरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की।
मध्यप्रदेश से पकड़े गए आरोपी
सीएसपी डॉ. चित्रा वर्मा ने बताया कि पुलिस टीम ने सबसे पहले बैंगलोर, कर्नाटक में आरोपी के पते पर दबिश दी। लेकिन नागेश की पत्नी ने बताया कि वह दो वर्षों से घर नहीं आया। जांच में सामने आया कि उसके सभी मोबाइल नंबर या तो बंद हो चुके हैं या किसी और के नाम पर अलॉट हो गए हैं।
इसके बाद पुलिस ने केरल में भी छानबीन की। लेकिन आरोपी वहां नहीं मिला। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उसकी लोकेशन बैहर, बालाघाट (मध्यप्रदेश) में मिली। पुलिस टीम ने तुरंत वहां छापा मारकर नागेश कुमार धारा (52 वर्ष) और आरती (52 वर्ष) दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी मूलतः कासरगोड, केरल के रहने वाले हैं।
आरोपी के खाते में मौजूद 1 लाख रुपए किया फ्रीज
पुलिस ने आरोपियों के पास से एक डेल कंपनी का लैपटॉप और दो स्क्रीन टच मोबाइल जब्त किया। साथ ही नागेश कुमार धारा के बैंक खाते में मौजूद 1 लाख रुपए फ्रीज कर दिए।
दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।