छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में नाबालिग से अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 साल की सश्रम कारावास और 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) की अदालत ने यह फैसला दिया है।
विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपी का अपराध गंभीर श्रेणी में आता है। मामले में सहयोगी आरोपी तुलसी शर्मा को 2 वर्ष सश्रम कारावास और 500 रुपए अर्थदंड की सजा दी गई। जबकि तीन अन्य आरोपियों को संदेश का लाभ देते हुए अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, राजपुर थाना में नाबालिग पीड़िता के पिता ने 8 जून 2022 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी अपने दादा के घर मेहमानी गई थी। दोपहर 2 बजे घर में किसी को बताए बिना कहीं चली गई। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला।
जांच के दौरान पुलिस ने पता लगाया कि आरोपी बबलू सोनवानी ने पीड़िता का अपहरण कर लिया है। उसे अंबिकापुर, सीतापुर और रायगढ़ ले जाकर कई बार दुष्कर्म किया।
अदालत ने सुनाया कड़ा फैसला
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेंद्र गुप्ता ने पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मुख्य आरोपी बबलू सोनवानी (24) निवासी ग्राम पुरुषोत्तमपुर थाना धौरपुर को 20 साल सश्रम कारावास और 20,000 अर्थदंड की सजा सुनाई।
तीन आरोपियों को मिली रिहाई
वहीं, मामले में सहयोगी आरोपी तुलसी शर्मा को पॉक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत 2 वर्ष सश्रम कारावास और 500 अर्थदंडकी सजा दी गई। इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को संदेश का लाभ देते हुए अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है।