बारिश पर टिकी बिजली वितरण कंपनी की नजर

Chhattisgarh Crimesजेठ में उमस भरी गर्मी प्रदेशवासियों का पसीना छुड़ा रही है। कभी तेज धूप तो कभी हल्की बारिश से हवा में नमी की मात्रा बढ़ गई है और उमस भरी गर्मी लोगों का पसीना निकाल रही है। बारिश जल्द नहीं हुई तो गर्मी से राहत पाने के लिए लोग एसी, कूलर और पंखे जैसे अन्य उपकरणों का प्रयोग करेंगे और इससे बिजली की खपत में एक बार फिर बढ़ोत्तरी होगी। लोगों की नजर मानसून पर टिकी है। बिजली वितरण कंपनी भी बारिश का इंतजार कर रही है ताकि बिजली की मांग कम हो सके।

इधर, आपूर्ति को बनाने रखने के लिए प्रदेश सरकार को सेंट्रल पूल से भी बिजली लेनी पड़ रही है। सोमवार को जब राजधानी रायपुर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था तब प्रदेश में बिजली की अधिकतम खपत 5500 मेगावाट के आसपास बनी हुई थी। जैसे-जैसे तापमान में गिरावट आई, वैसे-वैसे खपत में भी कमी देखी गई। देर शाम तक छत्तीसगढ़ को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए लगभग 5500 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ रही थी।
इसमें छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी की इकाईयां लगभग 2200 मेगावाट का सहयोग दे रही थी, शेष की पूर्ति छत्तीसगढ़ में स्थापित निजी और सार्वज्निक क्षेत्र के बिजली से की जा रही थी। आने वाले दिनों में बिजली की खपत मौसम पर सबसे अधिक निर्भर करने वाली है। मानसून आने में अभी पखवाड़े भर से अधिक का समय बचा है। इस स्थिति में बिजली की मांग यथावत बनी रहेगी।
0 एक दिन पहले 5215 मेगावाट की खपत 

इधर ग्रीड कंट्रोलर ऑफ इंडिया के ताजा आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में बिजली की खपत अप्रैल की तुलना में मई में थोड़ी कम हुई है। ग्रीड कंट्रोलर की ओर से जो रिपोर्ट जारी की गई है उसके अनुसार 18 मई को छत्तीसगढ़ में बिजली की अधिकतम खपत 5215 मेगावाट थी। मई के दूसरे पखवाड़े में तापमान में बढ़ोत्तरी होती है तो इससे खपत में भी बढ़ोत्तरी की संभावना है।

22 अप्रैल को सबसे अधिक 7006 मेगावाट हुई थी खपत 

छत्तीसगढ़ में बिजली की खपत साल-दर-साल बढ़ रही है। इस साल बिजली की खपत का पुराना रिकार्ड पिछले माह 22 अप्रैल को टूट गया था। इस दिन छत्तीसगढ़ को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए 7600 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ी थी। एक वर्ष की अवधि में बिजली की मांग में लगभग 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पूर्व में सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी ऑथोरिटी) ने जो पूर्वानुमान लगाया है उसमें भी कहा गया है कि छत्तीसगढ़ में बिजली की जरूरतें सालाना 7-8 फीसदी की दर से बढ़ रही है।

0 कब कितनी बिजली खपत 

दिनांक खपत(मेगावाट) 

18 मई 5215 

17 मई 5344 

16 मई 5554 

15 मई 5659

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