बस्तर की आध्यात्मिक परंपरा और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक गोंचा महापर्व एक बार फिर श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाने की तैयारी जोरों पर है। भगवान श्रीजगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के विग्रहों को लेकर 27 जून को नगर भ्रमण निकाला जाएगा। इसके लिए 32 फीट ऊंचे नए रथ का निर्माण सिरहासार भवन में प्रारंभ हो चुका है।
26 जून को नेत्रोत्सव, 9 दिन चलेगा महापर्व
रथयात्रा से एक दिन पहले, 26 जून को नेत्रोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें विग्रहों में नेत्र प्रतिष्ठा की जाएगी। वहीं, गोंचा पर्व के दौरान मंदिर परिसर और सिरहासार भवन में 9 दिनों तक धार्मिक अनुष्ठान होंगे। आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा रोज़ाना अमनिया भोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।
निर्माण में जुटे कारीगर
हर वर्ष की तरह इस बार भी बेड़ाउमरगांव के कारीगर हरदेव यादव की अगुवाई में 10 सदस्यीय टीम रथ निर्माण में जुटी है। सोमवार से शुरू हुए इस कार्य में रथ के पहियों और मुख्य ढांचे को आकार दिया जा रहा है। बताया गया है कि रथ निर्माण की सारी सामग्री मंदिर समिति द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। निर्माण कार्य पूरा होते ही रथ पर भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की 22 विग्रहों को विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा।
दशहरा की तर्ज पर बनता है गोंचा रथहरदेव यादव ने बताया कि यह रथ भी बस्तर दशहरा के रथ की तरह पारंपरिक शैली में ही बनाया जाता है। हर साल नया रथ बनाया जाता है, और निर्माण कार्य पूर्ण होते ही कारीगरों को तयशुदा पारिश्रमिक मंदिर समिति से मिलता है, जिसे वे आपस में साझा करते हैं।