जनसुनवाई से पहले प्रस्तावित मिनी स्टील प्लांट के विरोध में लामबंद हो रहे सैकड़ों किसान…

कह रहे किसान- उद्योग के प्रदूषण से बंजर हो जाएगी सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि!

Chhattisgarh Crimes

जयदेव सिंह/छत्तीसगढ़ क्राइम

महासमुंद। कौंवाझर पंचायत के आश्रित ग्राम खैरझिटी में प्रस्तावित मिनी स्टील प्लांट के विरोध में क्षेत्र के ग्रामीण किसान लामबंद हो रहे हैं। पर्यावरण विभाग द्वारा इस प्रस्तावित उद्योग को लेकर 7 अक्टूबर को जनसुनवाई होने वाली है। क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों की बड़ी चिंता भी पर्यावरण को लेकर है। करीब 125 एकड़ में लगने जा रहे इस उद्योग की स्थापना के बाद के हालातों को लेकर चिंता गहरी है। विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। वहीं ग्रामीण मिनी स्टील प्लांट के लिए दिए गए पंचायत प्रस्ताव का पहले ही विरोध कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार करणीकृपा पॉवर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खैरझिटी और कौंवाझर के पास 127 खसरे की 50.57 हेक्टेयर, यानी 124. 95 एकड़ जमीन पर मिनी स्टील प्लांट लगाने की तैयारी की जा रही है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली के आदेश के बाद 7 अक्टूबर 2021 को जनसुनवाई रखी गई है। जिसमें पर्यावरण विभाग के अफसर, जिला प्रशासन और उद्योग मेनेजमेंट के अलावा बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण मौजूद रहेंगे। अब स्टील प्लांट को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। साथ ही पूरे क्षेत्र में हस्ताक्षर अभियान चलाकर 7 अक्टूबर को जमकर विरोध करने का मन बना चुके हैं। वहीं ग्रामीण आरोप भी लगा रहे हैं कि, स्टील प्लांट के मेनेजमेंट जनप्रतिनिधियों को अपने पक्ष में लेकर प्लांट स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। इधर स्टील प्लांट की स्थापना को लेकर आसपास के किसान पर्यावरण प्रदूषण और फसलों पर होने वाली दूष प्रभाव को लेकर खासे चिंतित है। स्टील प्लांट के स्थापना होने से जनस्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के साथ ही कृषि योग्य हजारों एकड़ भूमि बंजर हो जाएगी। और किसना सड़कों पर आ जाएगी।

प्रदूषण का दंश पहले भी झेल चुके हैं ग्रामीण…

कौवांझर नेशनल हाईवे 53 के करीब पहले से स्थापित पॉवर प्लांट से निकलने प्रदूषण के कारण आसपास के हजारों एकड़ भूमि पर लगे फसलों को नुकसान होता रहा। आसपास सैकड़ों किसना आए दिन पॉवर प्लांट के विरुद्ध जिला प्रशासन शिकायत किया जाता था। लेकिन किसानों की कोई सुनवाई नहीं होती थी। इन सब से व्यथित ग्रामीण किसान अब स्टील प्लांट से निकलने वाली प्रदूषण और उससे होने वाली समस्या को फिर से बर्दाश्त करने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है। इस लिए अब विरोध करने पर अड़े हुए हैं।

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