बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी में अवैध उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई

Chhattisgarh Crimesबिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी में अवैध उत्खनन को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से पूछा है कि नदी के संरक्षण और अवैध खनन को रोकने अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। इस पर उन्होंने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को शपथपत्र के साथ जवाब देने कहा है।

अरपा नदी में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन सहित उसके संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान बिलासपुर नगर निगम ने कोर्ट को जानकारी दी कि अरपा को साफ-सुथरा रखने के लिए जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उसे MIC और सामान्य सभा में मंजूरी दे दी गई है।

अब प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति के लिए राज्य शासन को भेजा गया है। कोर्ट ने महाधिवक्ता को निर्देश दिए कि शासन जल्द इस पर अमल सुनिश्चित करे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए शासन ने अब तक क्या कदम उठाए हैं, यह जानकारी शपथपूर्वक दी जाए।

3 बालिकाओं की मौत पर भी हाई कोर्ट गंभीर

सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि कि पिछले साल बारिश में खनन से बने गहरे गड्ढे में 3 बालिकाओं की डूबकर मौत हो चुकी है। इस घटना को लेकर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है और इस मामले की भी सुनवाई चल रही है।

अरपा नदी में अवैध खनन पर हो FIR

अरपा अर्पण महाअभियान समिति की ओर से एडवोकेट अंकित पांडेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर मिसाल पेश की है, जिसमें कहा गया कि स्थानीय पुलिस अवैध खनन करने वालों पर बिना अनुमति के सीधे FIR दर्ज कर सकती है। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन से कानून के इस प्रावधान की जांच कर उसे लागू करने पर विचार करने को कहा है।

अब तक नहीं आई खनिज नीति पर बनी कमेटी की रिपोर्ट

राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों की 6 सदस्यीय कमेटी खनिज नीति पर काम कर रही है। लेकिन, उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। हाईकोर्ट ने रिपोर्ट पेश करने की जिम्मेदारी तय करने को भी कहा है। डिवीजन बेंच ने सभी बिंदुओं पर 8 मई से पहले विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने कहा है। केस की अगली सुनवाई अब 8 मई को होगी।