दरअसल, घटना रविवार की रात की है। कोटा के वन विकास निगम के परियोजना मंडल के सेमरिया में लकड़ी तस्करों के सक्रिय होने की जानकारी मिली। रात 8 बजे टीम को सूचना मिली कि सेमरिया बीट के वन क्षेत्र में 8-10 लकड़ी तस्कर सागौन के पेड़ों को काटकर परिवहन कर रहे हैं।
खबर मिलते ही वनकर्मी की सर्चिंग टीम जंगल के लिए रवाना हुई। रात करीब 12 बजे सर्चिंग के दौरान टीम जब सेमरिया पहुंची, तो उन्हें कुछ लोग नजर आए। वह ट्रैक्टर के माध्यम से पिकअप में सागौन लकड़ी लोड कर रहे थे। जिस पर वनकर्मियों ने घेराबंदी कर तस्करों को पकड़ने की योजना बनाई। तस्करों ने कुल्हाड़ी और रॉड लेकर दौड़ाया
जिसके बाद वनकर्मियों ने उन्हें घेर लिया, जैसे ही वह नजदीक पहुंचे अचानक लकड़ी तस्करों ने कुल्हाड़ी, लोहे के रॉड और लाठी लेकर उन्हें दौड़ाया, जिससे वनकर्मी हड़बड़ा गए। किसी तरह वनकर्मी वहां से जान बचाकर भागने में सफल हुए। लेकिन, डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे जंगल में ही छूट गए।
डिप्टी रेंजर पर हमला कर भाग निकले तस्कर
इस दौरान तस्करों ने वन विकास निगम के डिप्टी रेंजर अरविंद बंजारे को पकड़ लिया। उन्होंने डिप्टी रेंजर पर कुल्हाड़ी और डंडे से हमला कर दिया, जिससे वो खून से लथपथ होकर घायल हो गए। इधर, हमला करने के बाद तस्कर वहां से भाग निकले।
कुछ देर बात वनकर्मी उन्हें ढूंढते हुए पहुंचे तो डिप्टी रेंजर जमीन पर घायल पड़े मिले। जिसके बाद उन्हें कोटा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उनकी गंभीर हालत को देखकर बिलासपुर रेफर किया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विकास निगम के अफसरों में हड़कंप मच गया।