ग्राम पंचायत क्षेत्र के ग्रामीण मुखिया एवं जनप्रतिनिधियों ने 19 तारीख तक दिया समय
मैनपुर। उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्रों के गाँवो में 2005 के बाद अन्य राज्यों से आकर घर बाड़ी एवं वन अतिक्रमण किया गया है जिन्हे उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन के मार्ग निर्देशन पर गांँवो से बेदखल करने की कार्यवाही वन विभाग के द्वारा लगातार किया जा रहा है।
प्रेस विज्ञप्ति में उपनिदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व वरुण जैन ने कहा कि वास्तव में जल जंगल जमीन को हम बचा पाएंगे तो निश्चित रूप से आने वाला भविष्य सुंदर होगा आदिवासी मूल निवासियों का अस्तित्व बचा रहेगा अन्यथा पूरा जंगल रेगिस्तान बनने में देर नहीं लगेगी। वन विभाग के द्वारा पूरे ग्राम पंचायतों में इसके लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरुआत हो गई है जो 2005 के पूर्व वन भूमि पर काबिज होकर खेती कर रहा है वाजिब होने के बाद भी जिनके पास कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं होने के कारण वन अधिकार पत्र नही मिल पाया है।
ऐसे वन अतिक्रमणकारियों पर सामूहिक जांच पड़ताल एवं सैटेलाइट ड्रोन कैमरे से सर्वे को आधार माना जावेगा। जंगल को बचाने की मुहिम में जागरूक बनकर वन विभाग को सहयोग करने की बात कही गई।
उड़ीसा राज्य से आकर जरहीडीह में घर बाड़ी एवं वन अतिक्रमण करने वालो को हटाने बैठक
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व तौरेंगा परिक्षेत्र बफर जोन के ग्राम जरहीडीह में 17 जून को पंचायत भर के मुखियाओं का जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम, जनपद सभापति घनश्याम मरकाम एवं ग्राम पंचायत अड़गड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार नेताम के नेतृत्व में बैठक आयोजित किया गया।
वन विभाग के द्वारा जारी परिपत्र को पढ़कर सुनाया गया और निर्णय लिया गया कि कोई भी हालत में शेष बचे जंगलों को बचाना नितांत आवश्यक है जंगलों के संरक्षण संवर्धन की दिशा में सभी को जागरूक बनकर जंगल बचाने की मुहिम में आगे आना होगा।
जरहीडीह बस्ती में उड़ीसा राज्य से आकर 2005 के बाद वन भूमि पर अतिक्रमण कर घर बाड़ी एवं खेती करने वाले कार्तिक राम मरकाम पिता लच्छू राम मरकाम सोनू राम मंडावी पिता मनीराम मंडावी आसमन पिता सुखदेव को तीन दिन के अंदर जरहीडीह से अपने अपने मूल स्थान भेजे जाने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।
वन अतिक्रमणकारियों ने भी स्वीकार करते हुए जाने की बात कही गई। वही यशोदा बाई पति स्वर्गीय जगत राम के निवास घर में उड़ीसा राज्य से आए परिवार को भी तीन दिवस के अंतर्गत अपने मूल स्थान भेजे जाने का निर्णय लिया गया।
इस संबंध में जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि पूरे क्षेत्रों में बाहरी राज्यों से आकर 2005 के बाद वन अतिक्रमण किए हैं जिनके पास कोई सबूत नहीं है उनको गांव से हटाने की मुहिम वन विभाग द्वारा तेज हो गई है। वन विभाग गाँवो मे आकर वन अतिक्रमणकारियों को बेदखल करे इसके पहले ही हम गांव से हटा रहे हैं ताकि यथावत अपने मूल स्थानों में जाकर रह सके।
जनपद सभापति घनश्याम मरकाम ने कहा कि जंगलों को बचाना है तो हमें 2005 के बाद गाँवो मे रह रहे बाहरी वन अतिक्रमणकारियों को हटाना ही जरूरी है ताकि विवाद की स्थिति ग्रामीणों एवं वन विभाग के साथ बाद मे न हो बैठक में जो निर्णय सर्वसम्मति से पारित हुआ है उन्हें यथावत वन वन परिक्षेत्र तौरेंगा बफर जोन कार्यालय मैनपुर में भेज कर वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा ऐसा बैठक में ग्राम पंचायत अड़गड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार नेताम के द्वारा कही गई।
इस बैठक में मुख्य रूप से जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम, जनपद सभापति घनश्याम मरकाम,सरपंच कृष्ण कुमार नेताम,ग्राम पटेल जयराम नेताम, उपसरपंच मंगलू राम मरकाम, समाजसेवी पूरन मेश्राम,हेमंत कुमार पटेल, बशीद राम मरकाम, परशुराम यादव, अमीरचंद, मोहनलाल मरकाम, अंशा राम,विष्णु राम, अगनू राम, प्रेमलाल, मोतीलाल,कैलाश राम, राजेंद्र, महेशराम, सरजू राम, देसी राम,सुबे लाल, चैतू राम नेताम, सरवन मरकाम,लखनलाल, शत्रुघ्न, बीरबल, ईश्वर राम,सुख धन ,चमरू राम, राजा राम, रमेश कुमार शामिल रहे।