सीबीआई करेगी सुशांत सिंह केस की जांच, बिहार सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार ने स्वीकारा

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने ऐक्टर सुशांत सिंह केस की जांच सीबीआई से करने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है और केंद्र ने सैद्धांतिक रूप से उसे मान लिया है. रिया के वकील श्याम दिवान ने कहा रिया के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई जानी चाहिए.
सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह ने इसका विरोध किया और कहा कि साक्ष्य को प्रभावित किया जा रहा है. सीबीआई जांच के लिए केंद्र तैयार है तो फिर रिया के ट्रांसफर पिटिशन का कोई मतलब नहीं रह जाता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक टैलेंटेड कलाकार की मौत हुई है. यह मौत अप्राकृतिक है. ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई है. किस परिस्थितियों में मौत हुई है उसकी जांच की दरकार है। सुप्रीम कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की इस बात को लेकर फटकार लगाई कि उसने बिहार पुलिस के आॅफिसर को क्वारंटीन किया. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि ये सही संदेह नहीं देता है. पुलिस आॅफिसर अपनी ड्यूटी पर गया था. आपकी तमाम कार्रवाई पेशेवर तरीके से होनी चाहिए थी. साक्ष्यों को प्रोटेक्ट करें. महाराष्ट्र सरकार के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस का एक्शन राजनीति से प्रेरित है. सीआरपीसी के तहत सिर्फ मुंबई पुलिस जांच कर सकती है इस केस में और केस रजिस्टर कर सकती है.
रिया ने केस को पटना से मुंबई ट्रांसफर कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. सुशांत के पिता ने कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी. इसके बाद बिहार और महाराष्ट्र सरकार ने भी कोर्ट से अनुरोध किया है कि इस याचिका पर कोई भी आदेश देने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए.

सुशांत के पिता ने आरोप लगाया कि उभरती हुई फिल्म अभिनेत्री, रिया ने अपना करियर आगे बढ़ाने के लिए मई 2019 में उनके बेटे से दोस्ती कर ली थी. शीर्ष अदालत में अपनी याचिका में चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि राजपूत के पिता ने बिहार के पटना में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया.

अभिनेत्री ने अपनी याचिका में कहा कि वह और राजपूत लिव-इन-रिलेशनशिप में थे. राजपूत की मौत तथा खुद उन्हें हत्या और बलात्कार की धमकियां मिलने के बाद से वह गहरे सदमे में हैं. उन्होंने याचिका में कहा, ह्वयह जिक्र करना मुनासिब होगा कि मृतक और याचिकाकर्ता आठ जून 2020 तक करीब एक वर्ष से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे थे, उसके बाद याचिकाकर्ता मुंबई में अपने आवास पर अस्थायी रूप से चली गई थीं.ह्व चक्रवर्ती ने याचिका में यह भी कहा, ह्वराजपूत पिछले कुछ समय से अवसाद में थे, इसके लिए दवाएं ले रहे थे और 14 जून 2020 की सुबह उन्होंने बांद्रा स्थित आवास पर खुदकुशी कर ली थी. उन्होंने कहा कि जब घटना पटना में नहीं हुई तो वहां जांच शुरू करना गलत है.

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