मामला उरगा थाना क्षेत्र का है। हमले के बाद सिहारिन वहीं गिर गई थी। जिसके बाद बेटा अपने कंधे पर लादकर मां को घर लाया। वहां से उसे अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया।
चिल्लाने की आवाज आई तो दौड़ा बेटा
बताया जा रहा है सिहारिन बाई और उनका बेटा सुरेश यादव दोनों अलग-अलग खेतों में काम कर रहे थे। अचानक सिहारिन बाई के चिल्लाने की आवाज सुनकर सुरेश दौड़कर वहां पहुंचा। उसने देखा कि मधुमक्खियों का झुंड उनकी मां पर हमला कर रहा था और वह खेत में गिर गई थीं।
सुरेश किसी तरह अपनी मां को कंधे पर लेकर घर की ओर भागा। इस दौरान मधुमक्खियों ने उसे भी काटा और झुंड गांव तक पहुंच गया। परिजन तुरंत निजी वाहन से सिहारिन बाई को जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। जहां उसकी जान चली गई।
मृतक के दामाद संत राम ने बताया कि जिस खेत के पास वे काम कर रहे थे, वहां पेड़ पर मधुमक्खियों का छत्ता था। उन्होंने बताया कि एक या दो मधुमक्खियों के काटने से आमतौर पर मौत नहीं होती, लेकिन झुंड के एक साथ हमला करने से यह घटना हुई।
मधुमक्खी के डंक हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन
जिला मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर आदित्य सिसोदिया के अनुसार, मधुमक्खी के डंक से शरीर में हाइपरसेंसिटिव रिएक्शन हो सकता है। मधुमक्खी काटने के बाद एक विशेष रसायन छोड़ती है, जिससे सांस लेने में तकलीफ, सूजन और कभी-कभी मौत भी हो सकती है।
डॉक्टर सिसोदिया ने सलाह दी है कि अगर किसी को ज्यादा मधुमक्खियां काटें, तो तुरंत उनकी सांस और ऑक्सीजन सेचुरेशन चेक करें। ऐसे मामलों में एस्टरॉयड देना और वेंटिलेटर की सुविधा वाले नजदीकी अस्पताल ले जाना जरूरी है।