जानकारी के मुताबिक, एक दशक से भद्रकाली, तारूड में वनभूमि पर फसल उगाकर आदिवासी परिवार जीवन यापन करते हैं। बुधवार को फारेस्ट बीटगॉर्डों ने पहले बहस और धक्का-मुक्की की और हलों और बैलों को अपने साथ ले गए। मामले की जानकारी मिलते ही विधायक विक्रम मंडावी ने भद्रकाली पहुंचकर आदिवासियों से मुलाकात की है।
किसानों ने बया किया दर्द
पीड़ित किसान साईं टींगे ने बताया कि भद्रकाली से लगे तारूड में पिछले साल भी बीटगार्डों ने यही हरकत की थी। इस साल भी दोहराते हुए नागर सुर बैलों को लेकर चले गए। वनकर्मियों के इस हरकत के चलते बहुत परेशानी का सामना करना पड रहा है। इसके खिलाफ हम किसानों के साथ धरना प्रदर्शन में निकलेंगे।
किसान श्रीनिवास पेरला ने बताया कि कल किसान खेती करने जंगल गए थे। पिछले 6-7 सालों से जमीन को जोतकर फसल निकालने का काम कर रहे हैं। बीटगार्ड ने डरा धमकाकर धक्का-मुक्की कर ले जाने का काम किया। धक्का-मुक्की का वीडियो किसी साथी ने बनाकर सोशल मीडिया में डाल दिया। आज विधायक विक्रम मंडावी पीड़ित किसानों से मिलने आए हैं।
विधायक ने कार्रवाई की मांग
बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि आज भद्रकाली, तारूड के किसानों मिलने गया था। सालों से कभी जमीन से आदिवासी किसानों पर दबाव डालकर डरा धमकाकर धक्का-मुक्की कर हल और बैलों को ले जाना निंदनीय है। हम मांग करते हैं कि जो भी कर्मचारी दोषी हैं, उन पर प्रशासन कड़ी कार्रवाई करे।
पीड़ित किसानों को जमीन पर खेती करने दिया जाए। जिनके पास जमीन का पट्टा नहीं है, उन्हें जमीन का मालिकाना हक दिया जाए। आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासियों पर अन्याय किया जा रहा है।
कब्जा करके की जा रही थी खेती- DFO
डीएफओ रंगनाथन ने बताया कि फारेस्ट की जमीन पर अतिक्रमण को रोका गया है। लगभग 10 दस एकड़ के आसपास जगह को कब्जा करके खेती करने की सूचना थी। मवेशियों को हटाकर किसानों के हलों को जब्त किया गया। 2022 से वहां कब्जा करके खेती की जा रही थी। कब्जा नया है, सैटेलाइट इमेजेज हमारे पास हैं।