प्रदर्शनकारियों ने 400 यूनिट फ्री बिजली योजना बहाल करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झूमाझटकी भी हुई। स्थिति को देखते हुए मौके पर फायर ब्रिगेड और भारी पुलिस बल तैनात किया गया। पुतला दहन के बाद पुलिस ने आग बुझाई।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर योजना बहाल नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा। वर्तमान सरकार ने मात्र 100 यूनिट के भीतर की खपत वाले उपभोक्ताओं का ही बिजली बिल हाफ करने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश के अधिकांश उपभोक्ता इस योजना से वंचित हो गए हैं।
नहीं मिलेगा 100 यूनिट का छूट भी
नए निर्देश के अनुसार, 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर बिजली बिल पूरा लगेगा और 100 यूनिट का छूट भी नहीं मिलेगा। जबकि पूर्व कांग्रेस सरकार ने 5 सालों तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना चलाई थी।
44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था फायदा
इस योजना का फायदा प्रदेश के 44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था। 5 साल में लगभग प्रत्येक उपभोक्ता को 40 से 50 हजार रुपए तक की बचत हुई थी। कांग्रेस सरकार की ओर से शुरू की गई 400 यूनिट बिजली बिल हाफ योजना के दायरे में प्रदेश का लगभग हर उपभोक्ता आता था।
पिछले महीने ही बढ़ाए थे चौथी बार दाम
पहले अगर किसी का बिजली खपत 600 यूनिट या उससे अधिक भी था, तो उसके पहले 400 यूनिट तक की खपत पर बिजली बिल आधा हो जाता था। बाकी पर ही उसको पूरा बिल देना पड़ता था। पिछले माह ही सरकार ने बिजली के दाम चौथी बार बढ़ाए थे।
अब तक 80 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी
घरेलू खपत पर 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। गैर घरेलू बिजली की दर 25 पैसे प्रति यूनिट महंगी कर दी गई है। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि करके की गई थी। डेढ़ साल के भीतर सरकार ने घरेलू बिजली की दरों में अब तक कुल 80 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी की है।
बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या
विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं। कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी।
कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा
उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के गलत नीतियों के चलते हैं। बिजली का उत्पादन लागत बढ़ा है, कोयले पर ग्रीन टैक्स चार गुना अधिक बढ़ा दिए, रेलवे का माल भाड़ा अधिक वसूल रहे हैं, थर्मल पॉवरप्लांट को अडाणी की कंपनी से महंगे दर पर कोयला खरीदने बाध्य किया जा रहा है, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज बढ़ाए जाने से परिवहन में और फायर के लिए उपयोग होने वाले डीजल की लागत बढ़ी है, जिसकी भरपाई भी उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ाकर किया जा रहा है।
स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल भेजा रहा
प्रदेश भर से अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है। स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है। अब तो जनता को लूटने के लिए उद्योग की कंपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है।
कांग्रेस पार्टी भाजपा सरकार के ऐसे अन्यायपूर्ण फैसले का विरोध करती है, कोयला हमारा, पानी हमारा, जमीन हमारी और हमें ही महंगे दर पर बिजली बेचा जा रहा है? सरकार के इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ कांग्रेस पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।