: महासमुन्द शिखा दास
पिथौरा 7/8/25
रेंजर ने कहा बेबुनियाद है आरोप
✴️1करोड 35लाख का आयमूलक लोन ब्याज किश्त जमा नहीं हुआ
✴️15लाख लोन का किश्त जमा नहीं हुआ तो पुनः चार लाखका लोन चाहिए इनको तत्कालीन DFO के समय से लम्बित है
बदसलूकी का आरोप बेबुनियाद रेंजर सालिग्राम डड़सेना
प्रभारी रेंजर सालिगराम डड़सेना ने कहा जब उनसे समिति के ये आक्रोशित होने सामुहिक इस्तीफे का कारण पुछा गया तो अपना पक्ष रखते हुए ये कहां कि
वन प्रबंधन समिति गोडबहाल को चक्रिय निधि से ऋण प्रदाय 1 करोड़ 35 लाख आय मूलक कार्य दुग्ध डेयरी हेतु 2017-18 एवं 2018-19 में स्वीकृत किया गया था जिसका मूल धन एवं ब्याज 5 वर्ष में जमा करना था । 07 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी प्रदायित ऋण जमा नही हुआ है ।
समिति अध्यक्ष जय राम वर्मा एवं अन्य के नाम पर 15 लाख रु फ्लाई एक्स ब्रिक्स का ऋण प्रदाय किया गया ।
ऋण का किस्त जमा नही होने के कारण चार लाख रुपये ऋण का आवेदन वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत के कार्यकाल से लंबित रहा है ।
वर्तमान मे नये ऋृण के लिए प्रकिया का पालन करने निर्देश दिया गया था ।
बदसुलकी का आरोप बेबुनियाद है ।
समिति के वरिष्ठ सदस्यों की ओर से गोडबहाल के पूर्व सरपंच सादराम पटेल जिनके ऊपर डेयरी प्रभार भी है
उन्होंने
कहा
कि
एक करोड़ 35 लाख री राशि में से एक करोड़ 17 लाख रुपए जमा हो चुका है
प्रत्येक माह₹100000 वर्तमान में जमा किया जा रहा है
आरोप निराधार है
15लाख
रुपए रेट राशि में से₹800000 लख रुपए जमा हो चुका है कि नियमित है आरोप निराधार है
दोनों किस्त पट रहा है वर्तमान में एट वोल्टेज समस्या कारण नहीं बन पा रहा है किंतु हमारे पास ईंट स्टॉक में है
वर्तमान में समिति के इस्तीफा का मूल कारण परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा धमकी एवं आवेदन को स्वीकार करने से मना करने के कारण समिति में आक्रोश है समिति सदस्यों में भारी आक्रोश है
जब इस प्रतिनिधि ने सवाल किया कि नहीं पटा रहे
ईटा भी नहीं बनते
4लाख फिर चाहिए वनविभाग के मुताबिक तो उन्होंने कहा कि सारे आरोप निराधार है। उपरोक्त बयान दिए
्SDO/DFOका बयान लेने की कोशिश की गई पर सम्पर्क नहीं हो पाया
समिति व वनविभाग के बीच मचा घमासान अब उच्चाधिकारियों की पहल जरूरी है
वर्तमान में समिति के इस्तीफा का मूल कारण परिक्षेत्र अधिकारी के द्वारा धमकी एवं आवेदन को स्वीकार करने से मना करने के कारण समिति में आक्रोश है समिति सदस्यों में आक्रोश है