छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इंटरनेशनल ड्रग्स नेटवर्क के टारगेट पर

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर इंटरनेशनल ड्रग्स नेटवर्क के टारगेट पर है। पाकिस्तान से ड्रग्स सप्लाई कर रायपुर में 2 करोड़ की बेची जा चुकी है। इसके अलावा हाल ही में 1 करोड़ के हेरोइन की जब्ती हुई है। इस केस में अब इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और ATS की एंट्री हो गई है। जांच में कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक अब ATS को भी इस केस की जांच सौंपी गई है। ATS की टीम न सिर्फ गिरफ्तार आरोपियों के नेटवर्क की पड़ताल कर रही है, बल्कि उन सभी संपर्क सूत्रों को भी खंगाल रही है, जिनके जरिए पाकिस्तान से ड्रग्स की खेप रायपुर तक पहुंची।

हेरोइन केस में तीनों जांच एजेंसियां इंटरनेशनल ड्रग्स सप्लाई नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं। ड्रग्स सिंडिकेट का मास्टरमाइंड लवजीत सिंह उर्फ बंटी से हाल ही में IB और नारकोटिक्स की टीम ने जेल में पूछताछ की।

SSP ने की थी जांच एजेंसियों को शामिल करने की बात

4 अगस्त को रायपुर पुलिस ने पाकिस्तान की ड्रग्स को रायपुर में बेचने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया था। इस दौरान रायपुर एसएसपी लाल उमेद सिंह ने कहा था कि जरूरत पड़ने पर प्रदेश और देश की अन्य एजेंसियों को भी जांच में शामिल किया जाएगा।

जानिए कैसे पकड़े गए थे ड्रग्स तस्करी के आरोपी ?

दरअसल, रायपुर पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर ACCU की टीम ड्रग्स तस्करी केस की जांच कर रही थी। इसी बीच इनपुट मिला कि कमल विहार, महावीर नगर और टाटीबंध इलाके के कुछ लोग रायपुर में ड्रग्स बेचने का सिंडिकेट चला रहे हैं।

पुलिस ने सिंडिकेट के मूवमेंट पर नजर रखा और कमल विहार स्थित EWS मकान नंबर 504 में दबिश दी। रेड के दौरान टीम को यहां लवजीत सिंह, सुवित श्रीवास्तव और अश्वन चंद्रवंशी मिले। इन आरोपियों के पास से 412.87 ग्राम हेरोइन भी मिली, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपए है।

पुलिस ने बताया था कि पूछताछ में आरोपियों ने लक्ष्य परिफल, राघव, अनिकेत मालाधरे, मनोज सेठ, मुकेश सिंह, जुनैद खान और राजविंदर सिंह के साथ मिलकर ड्रग्स सिंडिकेट चलाने की बात स्वीकार की। वहीं लवजीत सिंह ने पाकिस्तान के ड्रग्स को नेटवर्क के माध्यम से रायपुर में खपाने की बात स्वीकारी।