छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट के मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट के मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चा जोरों पर है। मंत्री बनने की रेस में लगे विधायक कैबिनेट में शामिल होने के लिए एप्रोच और लॉबी का सहारा ले रहे है। बीजेपी संगठन में चर्चा है कि, 10 अगस्त को लिस्ट जारी हो सकती है लेकिन कैबिनेट विस्तार में अभी थोड़ा समय है।

मंत्री बनने का ख्वाब देख रहे विधायकों को कुछ दिन और इंतजार करना होगा। कैबिनेट का विस्तार अभी 14 अगस्त तक नहीं होगा। क्योंकि प्रदेश के राज्यपाल रामेन डेका विदेश प्रवास पर है। वे 14 अगस्त को वापस लौटेंगे और उसके बाद उनसे समय लेकर मंत्रीमंडल विस्तार की अंतिम तिथि जारी की जाएगी।

मंत्री बनने की रेस में ये दिग्गज

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार को 1 साल 7 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का पूर्ण गठन नहीं हुआ है। साय कैबिनेट के गठन के समय मुख्यमंत्री समेत कुल 12 मंत्री शामिल थे, जबकि परंपरागत रूप से प्रदेश में 13 मंत्री कैबिनेट में रहते हैं।

यानी शुरुआत से ही एक पद खाली था। बाद में लोकसभा चुनाव के दौरान बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद मंत्रियों की संख्या घटकर 11 रह गई। इस तरह, वर्तमान में साय कैबिनेट में कुल दो मंत्री पद रिक्त हैं।

इन रिक्त पदों के लिए 8 से ज्यादा विधायक लॉबिंग कर रहे है। लेकिन अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब और राजेश अग्रवाल में से तीन लोगों को कैबिनेट में शामिल करने की चर्चा है। यानि वर्तमान के एक मंत्री को कैबिनेट से बाहर करके नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।

संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर भी लग सकती है मुहर

अगस्त महीने में ही बीजेपी संसदीय सचिव और रिक्त निगम मंडल के अध्यक्षों की भी नियुक्त कर सकती है। इस नियुक्ति में सीनियर और जूनियर का औसत देखने को मिलेगा। बता दें कि संसदीय सचिव नियुक्त करने की परंपरा भाजपा शासनकाल में डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई थी।

उस समय कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया था और इसे ‘मिनी कैबिनेट’ बताते हुए असंवैधानिक करार दिया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद भूपेश बघेल सरकार ने भी इस परंपरा को बनाए रखा और 13 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया। अब विष्णुदेव साय की भाजपा सरकार भी इन पदों को भरने की तैयारी में है।