जिले के आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा,स्वास्थ्य और सड़क व्यवस्था की बदहाली पर जिला प्रशासन को घेरा

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पूरन मेश्राम/मैनपुर। जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने 13 अगस्त बुधवार को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर आदिवासी एवं अति पिछड़ी जनजातियों, विशेष रूप से कमार/भूंजिया जनजाति के गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और मूलभूत सुविधाओं की भयावह स्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई।उन्होंने कहा कि करोड़ों के बजट और आदिवासी विकास विभाग के होने के बावजूद, आज भी आदिवासी बच्चे खंडहरनुमा स्कूल भवनों में पढ़ने को मजबूर हैं। कई भवन स्वीकृत होने के बाद भी वर्षों से अधूरे पड़े हैं।

स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी बदतर है–: उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की भारी कमी है। सड़कें दो महीने में ही उखड़ जाती हैं और मरम्मत ऐसे होती है मानो थूक पॉलिश लगा दी गई हो।संजय नेताम ने प्रशासन से तीखे सवाल पूछे–:

जब समस्याएं वर्षों से ज्ञात हैं, तो अब तक ठोस कार्रवाई क्यों नहीं?निर्माण व विभागीय भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कब होगी?

 

योजनाओं का लाभ पात्र परिवारों तक क्यों नहीं पहुंच रहा?

उन्होंने मांग किया है कि 7 दिनों के भीतर एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित कर प्रभावित गांवों का दौरा किया जाए, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और निर्माण कार्य की थर्ड-पार्टी ऑडिट अनिवार्य की जाए।