जानकारी के मुताबिक, रिटायर्ड शिक्षक आनंद राम वैष्णव परिवार के साथ पवनी नगर में रहते थे। वह 1992 में शिक्षा विभाग से रिटायर्ड हुए थे। 2016 में उनकी तबीयत खराब होने के बाद वह चल-फिर नहीं पाते थे। एक साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। जब परिवार को पैसे की जरूर पड़ी तो इस पूरे धोखाधड़ी का खुलासा हुआ।
जानिए कैसे अकाउंट से पैसे किए पार?
दरअसल, इमरान खान (33) का पवनी में SBI कियोस्क सेंटर है। जब आनंद राम वैष्णव बीमार थे, तो वह घर आकर बायोमेट्रिक के जरिए पैसे निकालने में मदद करता था। इस बीच उसने SI सिस्टम एक्टिवेट कर दिया। इससे पेंशन का कुछ हिस्सा हर महीने उसके खातों में ट्रांसफर होने लगा। इस तरह उसने 2016 से 2024 तक 35 लाख रुपए गायब कर दिए।
इधर, पिता की मौत के बाद जब परिवार को पैसों की जरूरत पड़ी तो उन्होंने अकाउंट चेक किया, तो उसमे महज 80 हजार रुपए थे। बैंक स्टेटमेंट निकालने पर पता चला कि हर महीने पैसे इमरान और उसके पिता इब्राहिम खान के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। इसके बाद आनंद राम वैष्णव बेटा पूरनलाल वैष्णव उसके पास पहुंचा और पैसे की मांग की। जिस पर उसने पैसे वापस देने का आश्वासन दिया।
पैसे नहीं लौटाए तो थाने पहुंचा बेटा
जब उसने पैसे नहीं लौटाए तो, पीड़ित पक्ष ने 15 अप्रैल 2025 को थाने में FIR दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने इमरान के पिता को गिरफ्तार कर लिया था। जबकि मुख्य आरोपी फरार चल रहा था। जिसे सोमवार को बलौदाबाजार से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि ठगी की रकम का इस्तेमाल शादी-विवाह, मेडिकल दुकान और ट्रेडिंग में किया। कुछ रकम उसने अपने पिता के खाते में भी डाली।
कंप्यूटर सिस्टम, बायोमेट्रिक सिस्टम जब्त
फिलहाल, पुलिस ने आरोपी के पास से कंप्यूटर सिस्टम, बायोमेट्रिक सिस्टम, फर्जी सील, पासबुक और दो एंड्राइड मोबाइल जब्त किए हैं। आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
इस मामले में थाना प्रभारी शिव कुमार धारी ने बताया कि इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। जिसे लेकर जांच की जा रही है। आरोपी को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
SI सिस्टम क्या है
एसआई का मतलब स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन से है। आप बैंक को किसी खास तारीख को किसी खास लेनदेन के लिए अपनी एक निश्चित राशि डेबिट करने की अनुमति दे रहे हैं। इसलिए आपको उस खास लेनदेन के लिए अपनी शाखा जाने की ज़रूरत नहीं है। सिस्टम अपने आप ही यह काम कर देता है।