अभियोजन के अनुसार, 17 अक्टूबर 2023 को मृतका सुकरी बाई कुम्हार के भाई नंदलाल कुम्हार ने लैलूंगा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसकी बहन की शादी रूपडेगा निवासी पुलुराम कुम्हार (65) से हुई थी। शादी के बाद दंपती की संतान नहीं थी।
16 अक्टूबर की रात 9 बजे पति-पत्नी के बीच खाना नहीं बनाने को लेकर विवाद हुआ। विवाद इतना बढ़ा कि पुलुराम ने पत्नी की हाथ-मुक्कों से पिटाई शुरू कर दी। गंभीर चोट लगने से सुकरी बाई की मौत हो गई।
पड़ोसियों ने बताया विवाद का कारण
अगले दिन सुबह सूचना मिलने पर भाई नंदलाल बहन के घर पहुंचा तो सुकरी बाई खाट पर मृत अवस्था में मिली। उसके चेहरे और गले पर चोट के निशान थे। मोहल्लेवालों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि रात को पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था।
आरोपी ने किया जुर्म कबूल
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जहां उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। जांच के बाद मामला कोर्ट में प्रस्तुत किया गया।
कोर्ट का फैसला
सभी गवाहों और सबूतों को देखते हुए न्यायालय ने पुलुराम कुम्हार को हत्या का दोषी पाया और धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस मामले में अपर लोक अभियोजक राजेश सिंह ठाकुर ने पैरवी की।