छत्तीसगढ़ में 72 हजार मितानिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में 72 हजार मितानिन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं हैं। इनमें कोंडागांव जिले की 2400 मितानिन भी शामिल हैं। इस हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

दरअसल, मितानिन गांव से जिला अस्पताल तक स्वास्थ्य सेवाओं की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इनकी हड़ताल से गांवों में बीमार लोगों को पहली मदद नहीं मिल पा रही है। टीकाकरण, प्रसव और स्वास्थ्य शिविर जैसी आवश्यक सेवाएं बाधित हो गई हैं।

प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ ने 7 अगस्त से आंदोलन शुरू किया है। मितानिनों की मांग है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में दिए गए वादे के अनुसार उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में शामिल किया जाए। साथ ही उनका मानदेय दोगुना किया जाए।

बिना लिखित आदेश के नहीं होगा आंदोलन खत्म

मितानिनों का कहना है कि वे बिना लिखित आदेश के काम पर नहीं लौटेंगी। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ठोस निर्णय नहीं लेती है तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। ग्रामीणों का कहना है कि मितानिन उनके लिए अस्पताल और डॉक्टर से जुड़ने का पहला माध्यम हैं। हड़ताल का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

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