छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में शुक्रवार 11 जुलाई को 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में 14 पुरुष और 8 महिलाएं शामिल हैं, जिन पर कुल 37 लाख 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है। ये सभी नक्सली अबूझमाड़ और इंद्रावती एरिया कमेटी में सक्रिय थे। अब हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है और मुख्य धारा में लौटा आए हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 50 हजार से लेकर 8 लाख रुपए तक के इनामी नक्सली हैं। बताया जा रहा है कि पुलिस के लगातार बढ़ते दबाव, नए सुरक्षा कैंप और एनकाउंटर के डर से इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने के बाद सभी ने सरकार के साथ जुड़कर विकास काम में साथ देने का वादा किया है।
अलग-अलग इलाके में थे सक्रिय
ये सभी नक्सली अलग-अलग इलाके में कई बड़े लीडरों के साथ भी काम कर चुके हैं। इनमें से कई ऐसे नक्सली भी हैं, जो गांव में रहकर नक्सलियों के लिए मीटिंग की व्यवस्था करना, खाने-पीने की व्यवस्था करना, स्कूल तोड़ना, सड़क काटना, IED प्लांट करना जैसे काम किया करते थे। 11 जुलाई को नारायणपुर SP रॉबिंसन गुड़िया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर नक्सलियों के सरेंडर की जानकारी दी।
SP ने कहा कि, ये पुलिस की बड़ी कामयाबी है। नक्सलियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन भी चलाए जा रहे हैं। सरकार की पुनर्वास नीति के फायदे, घर, नौकरी ने इन्हें आकर्षित किया है। खुद की भलाई के लिए सोचा और हिंसा का रास्ता छोड़ दिए।
ये हैं इनामी नक्सली
सरेंडर करने वालों में मनकू कुंजाम, DVCM पर 8 लाख रुपए का इनाम है। वहीं ACN रैंक के हिड़मे कुंजाम और पुन्ना लाल 5-5 लाख रुपए के इनामी हैं। मासे पोयाम, फूलमती, वंजे, सुंदरी समेत अन्य पर 1-1 लाख रुपए का इनाम घोषित है। कुछ नक्सली 50-50 हजार रुपए के इनामी हैं।
CM बोले- जड़ से समाप्त होगा नक्सलवाद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि, लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं। हमारी सरकार में अब तक 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है।
‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है। नक्सल संगठन के लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान के लिए हम संकल्पित हैं।