गरियाबंद में हाइवा परिवहन कल्याण संघ ने रेत खनन माफियाओं पर मनमानी का आरोप लगाया

Chhattisgarh Crimesगरियाबंद में हाइवा परिवहन कल्याण संघ ने रेत खनन माफियाओं पर मनमानी का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि माफिया हाइवा चालकों को डंप स्टॉक से सही तरीके से लोड करने का झांसा देकर बुलाते हैं, लेकिन असल में उन्हें नदी के घाट से ही रेत भरवाई जाती है। संघ ने कहा, खनन माफियाओं को कोई सजा नहीं मिलती, जबकि हाइवा चालकों पर कार्रवाई की जाती है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने बताया कि राजिम के कुछ लोग हाइवा मालिकों से संपर्क कर वैध डंप से रेत लोड कराने और रॉयल्टी पर्ची देने का वादा करते हैं। लेकिन जब हाइवा पहुंचती हैं तो माफिया उन्हें बिरोड़ा घाट पर ले जाकर रेत भरवाते हैं। अधिकारी भी माफियाओं के साथ सेटिंग करते हैं। जब वाहन राजिम लौटे तो माइनिंग विभाग ने हाइवाओं पर कार्रवाई की।

वाहन जब राजिम पहुंचे तो माइनिंग अधिकारियों ने हाइवा पर कार्रवाई कर दी। अग्रवाल का कहना है कि खदानें बंद होने के बावजूद बिरोड़ा में खनन जारी है। माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती, सिर्फ हाइवा चालकों को निशाना बनाया जाता है।

नेताओं के करीबी चला रहे अवैध खनन, लाखों की कमाई

उन्होंने कहा, पैरी और महानदी में स्थित तर्रा के कुरूस केरा घाट से रोजाना 60-70 हाइवा रेत निकाली जा रही है। इन खदानों को नेताओं के करीबी लोग चला रहे हैं। पितईबंद में पत्रकारों पर हमला करने वाला गिरोह भी इस खनन से जुड़ा है।

बिरोड़ा में भी राजनीतिक रसूखदार सक्रिय हैं। प्रदेश और राजिम क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं की मौन स्वीकृति से चल रहे इस सिंडिकेट से रोजाना लाखों की अवैध कमाई हो रही है।

खदानें बंद, फिर भी डंप की परमिशन कैसे मिली?

इलाके में कई रेत घाट हैं, लेकिन किसी को भी वैध खनन की इजाजत नहीं है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, खदानें पिछले एक महीने से बंद हैं। फिर भी सवाल उठता है कि जब खदानें बंद हैं तो डंप की परमिशन कैसे दी गई?

खनिज विभाग का कहना है कि सिर्फ सुरसा बांधा, पाण्डुका और लचकेरा में डंप की अनुमति है, और वहां के लिए पीट पास (रेत उठाने की परमिशन) भी जारी किया गया है। लेकिन जब खदानें वैध नहीं हैं तो इन डंप साइट्स पर रेत आखिर कहां से आई?

नियम के अनुसार हर हफ्ते यह जांच होनी चाहिए कि डंप में कितनी रेत स्टॉक में है, और रॉयल्टी की पर्ची कटने के बाद कितनी बची है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा। यह सब काम माइनिंग विभाग और रसूखदार लोगों की मिलीभगत से चल रहा है।

माइनिंग अधिकारी ने कहा – जांच चल रही है

जिला माइनिंग अधिकारी रोहित साहू ने कहा कि अवैध खनन की जांच कर रहे हैं। फिलहाल मामला कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि केवल तीन जगहों पर डंप की अनुमति है, बाकी जगहों की अनुमति खत्म हो चुकी है। ज्यादा डिटेल मैं बाद में बता पाऊंगा।