बिलासपुर में कुएं में गिरने से 2 भाइयों की मौत

Chhattisgarh Crimesबिलासपुर में कुएं में गिरने से 2 भाइयों की मौत हो गई। बाड़ी में बने कुएं में एक मुर्गी गिर गई, जिसे निकालने के लिए एक भाई कुएं में उतरा लेकिन वह बेहोश हो गया, और डूबने लगा। जिसे बचाने के लिए उसका भाई भी कुएं में कूद गया। जिससे दोनों की मौत हो गई।

घटना बेलगहना चौकी क्षेत्र की है। पुलिस के मुताबिक, कुएं में जहरीली गैस के रिसाव से दोनों भाइयों की मौत हुई है। SDRF की टीम सुरक्षा उपकरणों के साथ कुएं में उतरी और दोनों का शव बाहर निकाला। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

घर की बाड़ी में हादसा

बेलगहना के करही कछार का रहने वाला दिलीप पटेल (40) खेती-किसानी करता था। अपने घर में मवेशियों के साथ मुर्गियां भी पाल रखा है। 11 जुलाई की शाम करीब चार बजे घर की बाड़ी में कुएं के पास काम कर रहा था। इसी दौरान उसकी एक मुर्गी कुएं में गिर गई।

जिस पर उसने अपने भाई दिनेश पटेल (35) को आवाज लगाया। फिर खुद मुर्गी को निकालने कुएं में उतर गया। दिनेश कुएं के ऊपर खड़ा था। जब दिलीप मुर्गी निकालने के लिए कुएं के अंदर पहुंचा, तब अचानक बेहोश होकर पानी में डूबने लगा।

भाई को बचाने कूदा फिर डूब गया

इस दौरान भाई को डूबते देखकर दिनेश उसे बचाने के लिए कुएं में कूद गया। कुछ देर बाद वो भी बेहोश होकर पानी में डूब गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही परिजन पहुंच गए। उन्होंने आसपास के लोगों को बुलाया। जिसके बाद घटना की जानकारी पुलिस को दी।

जहरीली गैस के रिसाव से हुई दोनों भाइयों की मौत

चौकी पुलिस ने जहरीली गैस के रिसाव की आशंका जताई है। साथ ही लोगों को कुएं में उतरने से मना किया। इस दौरान पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को बुलाया। टीम ने जांच के बाद सुरक्षा उपकरणों के साथ कुएं में उतरकर दोनों के शव रात 9.30 बजे बाहर निकाला।

रस्सी से कुएं में उतारे गए दीये भी बुझ गए

घटना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और पुलिस ने पहले एक दीया जलाकर रस्सी से कुएं में नीचे उतारा। दीया कुछ दूरी तक जाकर बुझ गया, जिससे कुएं में जहरीली गैस होने की पुष्टि हो गई। इसके बाद ही एसडीआरएफ की टीम ने सुरक्षा उपकरणों के साथ सावधानीपूर्वक रेस्क्यू किया।

मीथेन और कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का रिसाव

रसायन शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. हेमंत कश्यप ने बताया कि कुएं में जहरीली गैस बनने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें मुख्य रूप से पानी में गिरी सड़ी-गली पत्तियां, खरपतवार और अन्य जैविक पदार्थों का विघटन होता है।

इससे मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैस बनती हैं, जो बंद वातावरण में इकट्ठा होकर जानलेवा हो सकती हैं। कुएं में उतरने से पहले दीया या लालटेन जलाकर नीचे उतारना चाहिए। वह बुझ जाए, तो समझ जाना चाहिए कि वहां जहरीली गैस मौजूद है और तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए।