स्कूली छात्राओं से बैड-टच…दोषी टीचर की सजा बरकरार

Chhattisgarh Crimesस्कूली छात्राओं से बैड-टच…दोषी टीचर की सजा बरकरार. बिलासपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि, स्कूल टीचर का पद विश्वास और जिम्मेदारी का है। नाबालिग छात्राओं के साथ यौन, अपमानजनक या शोषणकारी कृत्य केवल व्यवसायिक कदाचार नहीं है। बल्कि, पाक्सो एक्ट के तहत गंभीर दंडनीय अपराध है। इस टिप्पणी के साथ ही हाईकोर्ट ने छात्राओं से बैड-टच करने वाले शिक्षक की अपील को खारिज कर दी है। मामला मुंगेली जिले का है। दरअसल, मुंगेली जिले के बरेला शासकीय स्कूल में पदस्थ कीर्ति कुमार शर्मा गणित और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त था। लेकिन, वो बिना अधिकार और अनुमति के सातवीं कक्षा में जाकर विज्ञान पढ़ाता था। इस दौरान छात्राओं ने उनके खिलाफ बैड-टच और अभद्र टिप्पणी करने की शिकायत की।

 

डीईओ ने कराई जांच, आरोप प्रमाणित

 

छात्राओं की शिकायत पर डीईओ ने साल 2019 में बीईओ प्रतिभा मंडलोई से जांच कराई। इस दौरान छात्राओं के साथ ही शिक्षकों के बयान लिए गए। जांच में पाया गया कि कीर्ति कुमार शर्मा गणित और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त था, फिर भी वो विज्ञान पढ़ाता था।

 

क्लास में वो छात्राओं के शरीर के विभिन्न अंगों को छूता था। जिनमें उनकी रीढ़ और छाती भी शामिल थी। शिक्षक स्कूल में गुटखा खाता था और गुड़ाखू करते थे। FIR के बाद कोर्ट ने सुनाई सजा

 

बीईओ की जांच में शिक्षक पर लगे आरोप प्रमाणित होने पर इस मामले की शिकायत पुलिस से की गई। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी टीचर के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। पुलिस ने जांच के बाद कोर्ट में चार्जशीट प्रस्तुत किया। जिसके बाद कोर्ट में ट्रायल चला। फास्ट-ट्रैक कोर्ट पाक्सो ने 2 मार्च 2022 को आरोपी टीचर कीर्ति शर्मा को 2 साल 2 महीने 6 दिन कैद और जुर्माने की सजा सुनाई।

 

ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में की अपील

 

आरोपी शिक्षक ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील की। इसमें फैसले को निरस्त करने और अपीलकर्ता टीचर को राहत देने की मांग की गई। साथ ही कहा कि उसे षडयंत्र के तहत झूठे केस में फंसा गया है।

 

इस मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि, पीड़ित छात्राओं की गवाही को नकारने का कोई कारण नहीं है। एक अन्य छात्रा ने भी उत्पीड़न की पुष्टि की है। ऐसे में टीचर को सजा से राहत नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने टीचर की अपील को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।