मुरहा ने बताया कि उनकी लगभग 7 एकड़ पुश्तैनी कृषि जमीन को गांव के कुछ दबंगों ने राजस्व विभाग से मिलकर अपने नाम करवा लिया। अभिलेख में त्रुटि के कारण यह जमीन रिकॉर्ड में दूसरे स्थान पर दिखाई जा रही है। दबंगों ने उन्हें जमीन से बेदखल कर दिया है।
पीड़ित ने न्याय के लिए अब तक 3 अलग-अलग तहसीलदारों को 2 लाख रुपए की रिश्वत भी दी। वहीं, अब मुरहा ने सामुहिक आत्मदाह की बात भी कही।
SDM कोर्ट ने कृषि कार्य पर लगाई रोक
मुरहा के मुताबिक, इससे उनके 3 बेटों और पत्नी का जीवन यापन मुश्किल हो गया है। हाल ही में अमलीपदर तहसील ने मुरहा के पक्ष में फैसला सुनाया। लेकिन विपक्षी पक्ष ने इस आदेश को एसडीएम न्यायालय में चुनौती दे दी है। एसडीएम कार्यालय ने मुरहा के कृषि कार्य पर रोक लगा दी है।
सामूहिक आत्मदाह की भी चेतावनी
मुरहा ने कहा कि अगर उनकी सुनवाई नहीं हुई तो वे घर वापस नहीं जाएंगे। उन्होंने सरकारी परिसर में सामूहिक आत्मदाह की भी चेतावनी दी है।
तहसीलदार सुशील भोई_तहसील स्तर पर दर्ज बंदोबस्त त्रुटि सुधार प्रकरण में , परीक्षण और प्रयाप्त कारणों के आधार पर मुरहा के पक्ष में फैसला दिया गया था। उभय पक्ष ने फैसले के विरुद्ध स्थगन आदेश ले आया है।मुरहा के प्रकरण की सुनवाई अब एसडीएम दफ्तर से होना है।