नेहा निषाद ने बताया कि उनका बेटा कौशल 20 दिनों की छुट्टी पर घर आया हुआ है। शुक्रवार रात जब पुलिसकर्मी झंडा हटवाने आए तो उन्होंने उसका कॉलर पकड़कर गाली-गलौज की और थाने ले जाने की धमकी दी। पुलिसकर्मियों ने यह कहकर झंडा हटाने को कहा कि मुस्लिम त्योहार चल रहा है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या अब अपने घर में धार्मिक प्रतीक लगाने के लिए भी किसी और समुदाय की इजाजत लेनी होगी?”
पीड़ित परिवार के समर्थन में उतरा बजरंग दल
घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के समर्थन में सामने आए। संयोजक रवि निगम ने आरोप लगाया कि मचांदूर गांव में हिंदू परिवारों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। गांव में करीब 40-50 मुस्लिम परिवार और केवल दो हिंदू परिवार हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के असलम खान, नवाब खान और महमूद खान ने नेहा निषाद के परिवार के साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। साथ ही दो पुलिसकर्मी भी नशे की हालत में इस हमले में शामिल रहे।
बजरंग दल ने यह भी दावा किया है कि गांव में गौ-तस्करी और अवैध निर्माण जैसी आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं और कई बाहरी लोग अवैध रूप से ग्राम की शासकीय भूमि पर बसे हुए हैं। संगठन ने प्रशासन से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है
कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
शनिवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने, एफआईआर दर्ज करने और मुस्लिम पक्ष के हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश
इस पूरे मामले पर दुर्ग के एडिशनल एसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि यह घटना मचांदूर चौकी क्षेत्र की है और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिन पुलिसकर्मियों पर आरोप लगे हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की गई है। साथ ही अवैध रूप से रह रहे लोगों की जांच भी शुरू कर दी गई है और राजस्व विभाग को पत्राचार किया गया है।